
निलंबित किए गए इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में सुरजीत कहते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने गांधी भवन में कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत जीतू पटवारी के कहने पर किया था।
इंदौर जिला कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन में बीजेपी के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की खातिरदारी किया जाना जिले के शहर और ग्रामीण अध्यक्षों पर निलंबन कार्रवाई की गाज के साथ टूटा है। लेकिन कार्रवाई की धुरी अब घूमकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की तरफ भी बढ़ने लगी है। निलंबित किए गए नेताओं ने इस मामले को लेकर खुलासा किया है कि जो कुछ हुआ है, वह कांग्रेस अध्यक्ष की सहमति और अनुमति से ही हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, निलंबित किए गए इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में सुरजीत कहते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने गांधी भवन में कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत जीतू पटवारी के कहने पर किया था।
उन्होंने कहा है कि इसके लिए उन्होंने पीसीसी चीफ से इसके लिए सहमति लेने के बाद ही कैलाश विजयवर्गीय को गांधी भवन आने की अनुमति दी थी। इस बीच मामले को लेकर भाजपा ने भी मोर्चा सम्हाल लिया है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि अगर कैलाश का गांधी भवन जाना जिला अध्यक्ष के निलंबन का कारण बनता है तो इसके लिए जीतू पटवारी भी दोषी हैं, इस लिहाज से उनका भी निलंबन होना चाहिए।
इधर मुखबिर की तलाश
कांग्रेस खेमे में इस बात की जमकर खोजबीन हो रही है कि छुपाने की तमाम कोशिशों के बाद भी इंदौर के कांग्रेस के शहर व ज़िला अध्यक्ष को मिले निलंबन के नोटिस आख़िर सामने कैसे आ गए? इन नोटिस को सार्वजनिक किसने किया? बताया जा रहा है कि इस नोटिस की जानकारी प्रभारी जितेन्द्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, राजीव सिंह और दोनों अध्यक्षों को ही थी।
सूत्रों का कहना है कि यह नोटिस लिखा भी बड़े ही गोपनीय तरीके से था। उसको छुपाने के पीछे भी कई कारण थे, क्योंकि मामला प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह क्षेत्र का है। इन नोटिसों के सामने आने के बाद बवाल थम नहीं रहा है। बताया जा रहा है कि बवाल मचने के बाद कांग्रेस के छह अगस्त के प्रदर्शन पर भी संकट के बादल छा गए हैं। प्रदेश प्रभारी इंदौर के इस सारे घटनाक्रम से इतने नाराज हो गए हैं कि उनका इंदौर आना तक निरस्त होने के कगार पर है।