
Ujjain News: उज्जैन जिले से लगभग 52 किलोमीटर दूर स्थित बड़नगर क्षेत्र में स्थित श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर सुर्खियों में बना हुआ है। जहां पर महाशिवरात्रि के मेले के दौरान भगवान श्री बुद्धेश्वर महादेव का मंदिर 51 लाख रुपयों से सजाया गया है। मंदिर में वैसे तो दिन में दर्शन शुरू नहीं होते है, लेकिन शाम 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक मंदिर में भगवान के दर्शन जारी है।
श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर बाबा श्री बुद्धेश्वर का हर वर्ष नोटों से श्रृंगार किया जाता है। पिछले 3 वर्षों से मंदिर की सजावट 7 लाख, 11 लाख, 21 लाख रुपयों से की जा चुकी है। जिसके बाद इस वर्ष 1 से लेकर 500 रुपये के लगभग 51 लाख नोटों से मंदिर की सजावट की गई है। पुजारी शर्मा ने बताया कि यह श्रृंगार 23 मार्च तक रहेगा। इसके बाद श्रद्धालुओं द्वारा दी गई राशि वापस लौटा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर में दर्शन शाम को 5 से रात 11 बजे तक होते हैं। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक यह मंदिर बंद रहता है।
21 सालों से हो रहा मेले का आयोजन
श्री बुद्धेश्वर महादेव मित्र मंडली के कपिल माली और रवि गहलोत ने बताया कि लगभग 21 सालों से बड़नगर में यह मेला लगाया जा रहा है। पहले मंदिर में फूलों से सजावट की जाती थी, लेकिन पिछले तीन वर्षों से मित्र मंडली के सदस्य द्वारा लाखों रुपए एकत्रित कर श्री बुद्धेश्वर महादेव का यह दरबार सजाया जाता है।
असुरक्षा लगेगी तो बढ़ाएंगे पुलिसकर्मी- एसपी
मंदिर की सुरक्षा को लेकर यह बात सामने आ रही थी कि मंदिर में 51 लाख के नोटों से श्रृंगार तो किया गया है, लेकिन यहां सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं है। इस विषय को लेकर जब एसपी प्रदीप शर्मा से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि वैसे तो मंदिर में असुरक्षा संबंधित कोई बात नहीं है। यहां पर प्रतिदिन थाने के चार से पांच जवान ड्यूटी देने पहुंचते ही हैं, लेकिन फिर भी यदि सुरक्षा के दर से श्री बुद्धेश्वर महादेव मित्र मंडली द्वारा कोई आवेदन दिया जाएगा तो मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी।
अभी कुछ ऐसी है मंदिर में व्यवस्था
बताया जाता है कि 51 लाख रुपए से सजाए गए श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर को देखने के लिए श्रद्धालु जब मंदिर में प्रवेश करते हैं तो बाहर खड़े चार से पांच पुलिसकर्मी उन पर निगरानी रखते हैं। इसके बाद मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे श्री बुद्धेश्वर महादेव मित्र मंडली के सदस्य और मंदिर में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं पर नजर रखते हैं। वहीं श्रद्धालुओं को मंदिर में बनाए गए रस्सी के घेरे से ही दर्शन करवाए जाते हैं।
