
भोपाल – सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक हुई।सभी मंत्रियों को अब प्रभार वाले जिलों में रात्रि विश्राम करना होगा। मंत्री चाहें तो रात्रि विश्राम जिला मुख्यालय या किसी जनपद और ग्रामीण क्षेत्र में भी कर सकते हैं।
इसके अलावा नगरीय निकायों में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो तिहाई के बजाय तीन चौथाई बहुमत की जरूरत होगी। इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव मंजूर किया जा सकेगा।
भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ये निर्णय हुए हैं। बैठक में यह भी तय हुआ है कि जिन संभागीय मुख्यालय में अभी ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक कार्यालय नहीं है, वहां दफ्तर खोले जाएंगे, और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के पदस्थापना की जाएगी।
नगरपालिका, नगर परिषद अध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रोकने नियमों में संशोधन
डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ला ने कैबिनेट की फैसलों की जानकारी दी। बताया कि बैठक में नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 2 साल के बजाय 3 साल की अवधि तय कर दी गई है। इसमें यह भी तय हुआ है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो तिहाई के बजाय तीन चौथाई बहुमत की जरूरत होगी। इसके बाद ही अविश्वास प्रस्ताव मंजूर किया जा सकेगा। इस मामले में कैबिनेट ने पूर्व में लाए गए अध्यादेश को पलट दिया है। नगरपालिका अधिनियम की धारा 43 क में संशोधन करके यह फैसला किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव को हतोत्साहित करने के लिए यह निर्णय लिया जाएगा।