
जबलपुर के शहपुरा थाना अंतर्गत राययाखेड़ा निवासी सिम्मी बाई द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि उसकी बेटी शीला और दोनों नाबालिग नातिनें लापता हैं। दामाद ने अपनी मौसी के साथ मिलकर उन्हें बेच दिया है।
दामाद पर मौसी के साथ मिलकर बेटी और नातिनों को बेचने का आरोप लगाते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि लापता मां-बेटियों की तलाश जारी है, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। सरकार की तरफ से समय देने का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 11 नवंबर को निर्धारित की है।
जबलपुर के शहपुरा थाना अंतर्गत राययाखेड़ा निवासी सिम्मी बाई द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि उसकी बेटी शीला का विवाह दिलीप चौधरी से हुआ था। उसकी बेटी की दो नाबालिग बेटियां भी थीं। अप्रैल 2023 से उसकी बेटी और दोनों नाबालिग नातिनें लापता हैं। इस संबंध में शहपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि दामाद ने अपनी मौसी कविता चौधरी के साथ मिलकर उसकी बेटी और नातिनों को बेच दिया है। शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस अभी तक उनके बारे में कोई सुराग नहीं लगा पाई है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।
पूर्व में हुई याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को यह जानकारी दी गई थी कि पुलिस याचिकाकर्ता महिला पर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका वापस लेने का दबाव बना रही है। पिछली सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने स्थिति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। याचिका की सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश करते हुए खोजबीन के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई।