
सगोनी रेंजर अखिलेश चौरसिया के निर्देशन में वन विभाग की टीम घटेरा और गोला पट्टी के बीच खेड़ा बीट के जंगलों में लगातार सर्चिंग कर रही है। सगोनी रेंजर अखिलेश चौरसिया ने बताया कि तेंदुआ या तेंदुए जैसा दिखने वाला जंगली जानवर, जिसे गुलबाघ कहा जाता है, भी हो सकता है। इनकी संख्या जंगलों में अधिक है।
दमोह कटनी रेल ट्रैक के घटेरा और गोलापटी स्टेशन के बीच गुरुवार सुबह चार बजे ट्रैक पर एक तेंदुआ दिखाई दिया। उसी समय वहां से गुजर रही मालगाड़ी के लोको पायलट ने तेंदुए को देखा और इस संबंध में लिखित मेमो घटेरा स्टेशन मास्टर को दिया। स्टेशन मास्टर ने यह जानकारी बनवार चौकी प्रभारी को दी। जैसे ही यह बात आसपास के गांवों में फैली, ग्रामीणों में दहशत फैल गई। मौके पर पहुंचे बनवार चौकी प्रभारी मनीष यादव ने तेंदुए या अन्य किसी जानवर से संभावित खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट किया।
जानकारी के अनुसार, कटनी से बीना की ओर जा रही मालगाड़ी के लोको पायलट ने घटेरा के पास रेलवे ट्रैक पर तेंदुए को ट्रैक पार करते हुए देखा। इसके बाद पायलट ने घटेरा स्टेशन मास्टर को सूचित किया। स्टेशन मास्टर अक्षांश चंदेरिया ने जबलपुर में वरिष्ठ अधिकारियों को इस घटना के बारे में जानकारी दी। जबलपुर रेलवे विभाग ने दमोह कंट्रोल रूम को अवगत कराया। इसके बाद, नोहटा थाने के अंतर्गत आने वाले बनवार चौकी प्रभारी मनीष यादव ने घटेरा, मनगवा, गोला पट्टी, हरदुआ और आसपास के अन्य गांवों में जाकर ग्रामीणों को तेंदुए के देखे जाने की सूचना दी और उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी। वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचकर तेंदुए की खोज में जुट गई है।
सगोनी रेंजर अखिलेश चौरसिया के निर्देशन में वन विभाग की टीम घटेरा और गोला पट्टी के बीच खेड़ा बीट के जंगलों में लगातार सर्चिंग कर रही है। सगोनी रेंजर अखिलेश चौरसिया ने बताया कि तेंदुआ या तेंदुए जैसा दिखने वाला जंगली जानवर, जिसे गुलबाघ कहा जाता है, हो सकता है। इनकी संख्या जंगलों में अधिक है। घटेरा, गोलापटी, खेडार से लेकर बमुनिया तक जंगल का बहुत बड़ा क्षेत्र है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत कर जानकारी जुटा रही है।