
पन्ना जिले में लोकायुक्त सागर की टीम ने सोमवार की रात कार्रवाई की। अमानगंज थाना क्षेत्र टीम ने ग्राम रक्षा समिति के सदस्य राममोल नामदेव को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
लोकायुक्त सागर के डीएसपी संजय जैन ने 30 सितंबर को बताया कि यह कार्रवाई फोन रिकॉर्डिंग के आधार पर की गई। कार्रवाई की भनक लगते ही अमानगंज थाने में पदस्थ मुख्य आरोपी प्रधान आरक्षक मुकेश सोनी और आरक्षक सतीश श्रीवास मौके से फरार हो गए।
परिवार पर बना रहे थे दबाव
मामला 27 मई, 2025 का है। कोनी ग्राम निवासी श्याम सुंदर गौंड का भाई का विवाह हो रहा था किसी ने मामले की शिकायत जिला बाल विवाह नियंत्रण टीम को दी कि लड़की नाबालिग है। टीम ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह रुकवाया था।
इस घटना की जानकारी अमानगंज थाने के प्रधान आरक्षक मुकेश सोनी को मिली। इसके बाद मुकेश सोनी ने श्याम सुंदर गौंड पर लगातार दबाव बनाना शुरू कर दिया। उन्हें थाने बुलाकर कार्रवाई के नाम पर धमकाया गया और मामले को निपटाने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की गई। बाद में यह राशि 45 हजार रुपए पर तय हुई।
श्याम सुंदर गौंड ने बताया कि पुलिस ने उन्हें कई बार अमानगंज थाने बुलाया और पैसों के लिए दबाव बनाते रहे। उन्होंने 20 दिन पहले पहली किस्त के रूप में 15 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद उन्होंने लोकायुक्त टीम सागर से संपर्क किया। लोकायुक्त टीम ने बीती रात छापा मारा और राममोल नामदेव को गिरफ्तार कर लिया।
ये हुए फरार
प्रधान आरक्षक मुकेश सोनी, आरक्षक सतीश श्रीवास और अमानगंज निवासी रामलाल सोनी सहित तीन अन्य आरोपी फरार होने में सफल रहे। लोकायुक्त टीम सागर ने भ्रष्टाचार अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
टीम में ये थे शामिल
इस पूरे मामले में लोकायुक्त टीम की गोपनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी कार्रवाई की जानकारी कैसे लीक हुई, जिससे मुख्य आरोपियों को फरार होने का मौका मिल गया। उक्त कार्रवाई में डीएसपी संजय जैन, इंस्पेक्टर रणजीत सिंह, प्रधान आरक्षक अजय क्षेत्रीय, गोल्डी, निलेश, आदेश तिवारी सहित टीम के 9 से 10 सदस्य मौजूद रहे।