
दमोह जिले के जबेरा ब्लॉक के अर्थ खेड़ा गांव की 5 साल की मासूम बच्ची मीनाक्षी लोधी की सोमवार रात जिला अस्पताल में सर्पदंश के इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना से गुस्साए परिजनों ने मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे बच्ची के शव को अस्पताल चौराहे पर रखकर जाम लगा दिया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज न करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। डेढ़ घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद जांच और कार्रवाई के आश्वासन पर जाम खोला जा सका।
डॉक्टर पर इलाज नहीं करने का आरोप, सस्पेंड करने की मांग
मृत बच्ची के चचेरे भाई नीरज सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि सर्पदंश के बाद बच्ची को अस्पताल लाया गया, लेकिन ड्यूटी डॉक्टर राजेश नामदेव इलाज के लिए नहीं आए। उन्होंने दावा किया कि नर्स के फोन करने पर भी डॉक्टर ने आने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में और 5 मौतें हुई हैं, जिन्हें इलाज नहीं मिला। परिजनों की मुख्य मांग थी कि डॉक्टर नामदेव को सस्पेंड किया जाए।
परिजनों के साथ विरोध जता रहे लाखन सिंह लोधी ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग करते हुए कहा कि फुटेज से साफ हो जाएगा कि किसी डॉक्टर ने बच्ची का इलाज किया या नहीं। उन्होंने डॉक्टर राजेश नामदेव को दोषी ठहराते हुए उनके सस्पेंशन की मांग दोहराई।
अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को नकारा, जांच का आश्वासन
वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रहलाद पटेल ने परिजनों के आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि बच्ची को नाजुक हालत में अस्पताल लाया गया था। ड्यूटी डॉक्टर राजेश नामदेव की जगह डॉक्टर सुनील जैन ने बच्ची का ट्रीटमेंट किया। जांच में सर्पदंश की पुष्टि होने पर इंजेक्शन सहित पूरा इलाज किया गया।
डॉ. पटेल ने अन्य मौतों के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा- “परिजनों के आरोप गलत हैं। इसके बावजूद यदि कोई समस्या है तो उन्हें जांच का आश्वासन दिया गया है। जांच में किसी भी तरह की लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।”
सीएसपी ने समझाया, जांच के आश्वासन पर खुला जाम
मौके पर पहुंचे सीएसपी एचआर पांडे ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि सोमवार रात को भी परिजनों को समझाकर इंजेक्शन दिखाए गए थे और जांच का आश्वासन दिया गया था, लेकिन मंगलवार दोपहर उन्होंने फिर से विरोध शुरू कर दिया।
काफी समझाने के बाद परिजनों ने इस बात पर सहमति जताई कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने जाम समाप्त किया और अस्पताल चौराहे पर वाहनों की आवाजाही सामान्य हो पाई।