
पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने फिर भाजपा की सदस्यता ले ली। भाजपा में दीपक जोशी की वापसी का मामला पहले भी चर्चा में रहा है। आठ महीने पहले ही उनकी पार्टी में घर वापसी की तैयारी पूरी हो चुकी थी, लेकिन अंतिम समय में सहमति नहीं बनने के कारण यह कार्यक्रम टल गया था।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने फिर भाजपा का दामन थाम लिया है। बुधनी विधानसभा क्षेत्र के नांदनेर में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। डेढ़ साल पहले विधानसभा चुनाव से पहले दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हुए थे और खातेगांव सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें 12,542 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा में दीपक जोशी की वापसी का मामला पहले भी चर्चा में रहा है। आठ महीने पहले ही उनकी पार्टी में घर वापसी की तैयारी पूरी हो चुकी थी, लेकिन अंतिम समय में सहमति नहीं बनने के कारण यह कार्यक्रम टल गया था। तब दीपक जोशी ने स्वयं कहा था, “मैं सुबह का भूला हूं, जो शाम को घर लौट आया हूं,” जिससे उन्होंने भाजपा में लौटने की इच्छा जाहिर की थी।
दीपक जोशी की वापसी को भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर आगामी चुनाव के मद्देनजर। उनके लौटने से पार्टी को बुधनी क्षेत्र में शिवराज सिंह चौहान के साथ और अधिक मजबूती मिलने की संभावना है।
कौन हैं दीपक जोशी
दीपक जोशी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद जोशी की पार्टी में अहमियत घटने लगी। इसके साथ ही यह लगभग तय हो गया था कि 2023 के चुनाव में उनका टिकट कट जाएगा। इस कारण दीपक जोशी ने कांग्रेस का रुख किया। कांग्रेस में शामिल होते समय उन्होंने भावुक होकर आंसू भी बहाए थे। कांग्रेस में शामिल होने पर उन्हें खातेगांव से टिकट मिला और उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए। चुनाव में हार के बाद जोशी का कांग्रेस से मोहभंग हो गया, और कुछ ही महीनों में उन्होंने बीजेपी में वापसी की तैयारी शुरू कर दी थी।