
दमोह जिले में हटा ब्लॉक के चकरदा गांव में एक बेटी की शादी से महज 8 घंटे पहले उसके पिता का निधन हो गया। जिसके बाद गांव वालों ने परिवार बनकर उसकी शादी संपन्न कराई। घटना 15 जनवरी की है, जब रात करीब 11 बजे शांति रैकवार के पिता अशोक रैकवार (42) की अचानक मौत हो गई। अगले दिन यानी 16 जनवरी सुबह 8 बजे से शांति का विवाह सागर निवासी अंकित रैकवार से होना था। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मृत्यु के बाद सूतक लगने के कारण घर में विवाह संभव नहीं था।
ग्रामीणों ने इंसानियत पेश की
पिता की मृत्यु के बाद बेटी के घर पर सन्नाटा पसरा था। शादी को लेकर परिजन परेशान था। इसी बीच चकरदा और धूमा गांव के लोग पीड़ित परिजन से मिले। फिर उन्होंने धूमा गांव के एक मंदिर में शादी कराने का फैसला लिया। सभी ग्रामीणों ने एकजुट होकर शादी की तैयारियां की और आर्थिक मदद भी की। इसी गांव के बुजुर्ग भग्गन पिता बिहारी रैकवार ने पिता बनकर कन्यादान किया।
दूल्हे ने ग्रामीणों के सहयोग की प्रशंसा की
दूल्हा अंकित ने ग्रामीणों के इस सहयोग की सराहना करते हुए कहा- ससुर के निधन के बाद गांव वालों ने जो मदद की, वह हमेशा यादगार रहेगा। गांव के पुष्पेंद्र पटेल ने बताया कि सूतक के कारण घर में विवाह संभव नहीं था, इसलिए पड़ोसी गांव के मंदिर में शादी कराई गई। इस तरह गांव वालों ने मिलकर एक बेटी की शादी में माता-पिता की भूमिका निभाई और मानवता की मिसाल कायम की।
आठ बेटियों में दो की हुई शादी
मृतक अशोक रैकवार की आठ बेटियां हैं। बेटा एक भी नहीं है। 1 साल पहले बड़ी बेटी की शादी हुई थी और शांति दूसरे नंबर की बेटी है, जिसका विवाह हुआ है। अभी 6 बेटियां और अविवाहित है। अशोक लंबे समय से कैंसर रोग से जूझ रहे थे और 15 जनवरी की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।