
जबलपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर पाटन विधानसभा के वियोसा गांव में एक गर्भवती महिला को मंगलवार सुबह तेज प्रसव पीड़ा हुई। गांव में सड़क न होने के कारण जननी एक्सप्रेस की गाड़ी पास के महगवां गांव तक ही पहुंच पाई। ऐसे में महिला को लाने के लिए परिजन और ग्रामीणों ने स्ट्रेचर का सहारा लिया और कीचड़ भरे रास्ते से आधा किलोमीटर तक उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया।
24 वर्षीय शिखा चढ़ार को सोमवार देर रात से ही दर्द शुरू हो गया था। रातभर किसी तरह इंतजार किया गया, लेकिन सुबह हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस बुलाई गई। सड़क न होने के कारण महिला कुछ दूर पैदल चली, लेकिन जब दर्द बढ़ा तो उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर ले जाना पड़ा। समय रहते अस्पताल पहुंचने से अब उसकी हालत ठीक है और पाटन अस्पताल में इलाज जारी है।
बरसात में हर साल होती है परेशानी
वियोसा गांव में करीब 400 लोग रहते हैं। बरसात आते ही गांव का संपर्क पाटन से कट जाता है। गांव तक कोई पक्की सड़क नहीं है। जुगिया गांव से होकर एक रास्ता जरूर है, लेकिन वह भी बारिश में जर्जर हो जाता है। इस कारण गांव के लोगों को बीमार होने पर खाट या स्ट्रेचर में लिटाकर बाहर तक लाना पड़ता है।
डॉक्टर बोले- सड़क नहीं होने से आई दिक्कत
गांव की ही अभिलाषा चढ़ार ने बताया कि एम्बुलेंस के ड्राइवर को वियोसा तक आने को कहा गया, तो उसने मना कर दिया। उसका कहना था कि गांव तक कोई पक्की सड़क नहीं है, इसलिए वह आगे नहीं जा सकता। हर बारिश में हमें ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ता है।
जननी एक्सप्रेस में तैनात डॉक्टर सतीश पटेल ने बताया कि कॉल मिलने के बाद तुरंत रवाना हुए, लेकिन महगवां के आगे सड़क नहीं होने के कारण गाड़ी वहीं रोकनी पड़ी। महिला को ग्रामीणों की मदद से लाया गया। अब महिला की हालत खतरे से बाहर है।
सड़क के लिए स्वीकृति तो मिली, पर बना नहीं रास्ता
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले सड़क निर्माण के लिए पाटन जनपद के माध्यम से 4 लाख 14 हजार रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन अब तक सड़क नहीं बनी। एसडीएम ने भी माना कि वियोसा गांव में सड़क नहीं है और ग्रामीणों को परेशानी होती है। जनपद सीईओ ने बताया कि जुगिया से वियोसा तक संपर्क सड़क की हालत बहुत खराब है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सर्वे हो चुका है, लेकिन अब तक उसकी स्वीकृति नहीं मिली है।
दो बुजुर्गों की मौत भी हो चुकी है
गांव के लोगों ने बताया कि कुछ साल पहले दो बुजुर्गों को हार्ट अटैक आया था। कीचड़ भरे रास्ते से लाकर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन देर हो जाने की वजह से उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी बार-बार आश्वासन देते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

कुछ दूर पैदल चली गर्भवती महिला, जिससे उसके पैर कीचड़ में सन गए।