
जबलपुर जिले के छपरा गांव में मुक्तिधाम (श्मशानघाट) नहीं होने के कारण एक महिला का अंतिम संस्कार सड़क किनारे करना पड़ा। यह घटना दो दिन पहले की है, लेकिन मंगलवार को इसका वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। जिला पंचायत सीईओ अभिषेक गहलोत ने जनपद सीईओ को मामले की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव की आबादी 500 से ज्यादा है, लेकिन आज तक यहां कोई मुक्तिधाम नहीं बना। इस कारण सालों से अंतिम संस्कार या तो खेतों में या फिर सड़क किनारे करना पड़ता है। इस समस्या को लेकर पंचायत से कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन सरपंच या सचिव ने कभी ध्यान नहीं दिया।
सर्पदंश से हुई महिला की मौत
गांव में दो दिन पहले 23 वर्षीय एक महिला की मौत सर्पदंश से हो गई थी। परिजनों को जब मुक्तिधाम नहीं मिला तो ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्होंने गांव के बाहर सड़क किनारे लकड़ियां इकट्ठा कीं और वहीं अंतिम संस्कार किया। ग्रामीण मोनू अहिरवार ने बताया कि यह पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कई बार इसी तरह शवों का अंतिम संस्कार सड़क किनारे या खेतों में किया गया है।
सरपंच-सचिव से की गई कई बार मांग, लेकिन समाधान नहीं
गांव के बुजुर्ग मंगू चौधरी ने बताया कि वे 50 साल के हैं और पिछले 30 सालों से यही देख रहे हैं कि गांव में मुक्तिधाम न होने के कारण लोगों को इस तरह अंतिम संस्कार करना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के लोग सरपंच और सचिव से कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन कभी समाधान नहीं मिला।
जिला पंचायत सीईओ ने दिया जांच के निर्देश
वीडियो सामने आने के बाद जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सिंह गहलोत ने जनपद सीईओ शहपुरा को दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाएगा कि इतने सालों में मुक्तिधाम क्यों नहीं बना और जिम्मेदार कौन है। सीईओ ने कहा कि श्मशानघाट के लिए जमीन चिन्हित की जा रही है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
