
पन्ना टाइगर रिजर्व के तीनों गेट – मडला, अकोला और हीनौता – आज 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। करीब तीन महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद, बुंदेलखंड के इस एकमात्र टाइगर रिजर्व में अब सैलानियों का आना-जाना शुरू हो गया है।
सुबह रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर नरेश यादव ने विधिवत फीता काटकर और पर्यटकों का तिलक कर जिप्सियों को प्रवेश दिया। इसके साथ ही गेट आम पर्यटकों के लिए खोल दिए गए।
बरसाती मौसम में सुरक्षा कारणों से रिजर्व का कोर ज़ोन बंद रखा जाता है। अब मौसम साफ होने के बाद पर्यटक यहां बाघ, तेंदुआ, चिंकारा और कई दुर्लभ पक्षियों का दीदार कर सकेंगे।
हर साल मानसून सीजन के दौरान टाइगर रिजर्व का कोर ज़ोन बंद रहता है। अक्टूबर की शुरुआत से सैलानियों को एक बार फिर रोमांचक सफारी का मौका मिल रहा है।
पन्ना टाइगर रिजर्व के सहायक क्षेत्र संचालक मोहित सूद ने बताया कि इस बार भी अच्छे पर्यटक सीजन की उम्मीद है। उन्होंने जानकारी दी कि टाइगर रिजर्व की बुकिंग फरवरी 2026 तक के लिए अभी से शुरू हो चुकी है।
मोहित सूद ने आगे बताया कि टाइगर रिजर्व के सुंदर जंगल, यहां से निकलने वाली केन नदी और यहां पाए जाने वाले वन्यजीव पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके साथ ही पीटीआर के बाघों की अठखेलियां देखने भी पर्यटक पन्ना टाइगर रिजर्व आते हैं।
सहायक क्षेत्र संचालक ने यह भी बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में बोरादोह नामक एक पॉइंट पर पर्यटकों के लिए वोटिंग की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि कई बार लोगों को वोटिंग के दौरान ही बाघों सहित अन्य वन्यजीवों के दीदार हो चुके हैं

