
जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट रोड पर ट्रिपल आईटीडीएम कॉलेज में मंगलवार की रात एक छात्र चौथी मंजिल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में छात्र को इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छात्र ने आत्महत्या की है या उसके साथ कोई हादसा हुआ है, इसे लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि छात्र एजुकेशन लोन को लेकर परेशान था और संभवतः इसी कारण उसने यह कदम उठाया। लेकिन मृतक के परिजनों ने इस दावे को खारिज किया है। उनका कहना है कि परिवार संपन्न है और फीस के लिए कभी कोई समस्या नहीं थी। परिजनों ने रैगिंग और हत्या का आरोप लगाया है।
जौनपुर का रहने वाला था छात्र
मृतक छात्र का नाम उत्कर्ष तिवारी (19 ) है। उसके पिता का नाम चंद्र कुमार है। वह मूल रूप से जौनपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। करीब 1 महीने पहले ही उसने बी.टेक में दाखिला लिया था और हॉस्टल की चौथी मंजिल पर अपने साथी छात्र के साथ रहता था।
मंगलवार देर रात हॉस्टल में मौजूद छात्रों ने अचानक किसी के गिरने की आवाज सुनी। बाहर आकर देखा तो उत्कर्ष गंभीर रूप से घायल अवस्था में जमीन पर पड़ा था। तुरंत एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
भाई बोला- लोन मिल गया था, फीस भी भर चुके थे
परिवार के सदस्य बुधवार को जबलपुर पहुंचे और उनकी मौजूदगी में मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम हुआ। मृतक के चचेरे भाई रोहित तिवारी राजस्व विभाग में पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि एजुकेशन लोन पास हो गया था और एडमिशन के समय ₹1.25 लाख की फीस भी जमा कर दी गई थी।
उत्कर्ष के चचेरे भाई का कहना है कि हमारा पूरा परिवार एक साथ रहता है। जैसे ही उसका IIITDM काॅलेज में एडमिशन हुआ, पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। उत्कर्ष के पिता प्राइवेट कंपनी में जाॅब करते है। पढ़ाई के लिए पैसे बहुत चाहिए थे, पर हमने उसे इस बात की कमी नहीं होनी दी कि फीस के चलते पढ़ाई रुक जाए।
रोहित ने कहा कि मैं सरकारी विभाग में हूं, मेरा छोटा भाई इंजीनियर है और सबने यह तय किया था कि अगर एजुकेशन लोन नहीं हुआ तो, हम मिलकर फीस जमा करेंगे।
शरीर पर पीछे की ओर चोटें, धक्का दिया गया
परिजनों का कहना है कि कॉलेज में एडमिशन लिए हुए उसे मात्र एक महीने आठ दिन ही हुए थे, ऐसे में केवल एजुकेशन लोन की वजह से वह डिप्रेशन में आ जाए, यह बात समझ से परे है। उत्कर्ष के चचेरे भाई रोहित तिवारी ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन इसे आत्महत्या बता रहा है, लेकिन हम इसे आत्महत्या मानने को तैयार नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि उत्कर्ष के शरीर पर जितनी भी चोटें हैं, वे पीछे की ओर हैं, जिससे यह आशंका गहराती है कि उसे पीछे से धक्का दिया गया या हमला किया गया। यह हादसा नहीं, बल्कि किसी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
परिजनों का ये भी कहना है कि उत्कर्ष के साथ रैगिंग हुई है। उन्होंने कॉलेज के पुराने मामले बताते हुए कहा कि इससे पहले भी यहां रैगिंग और विवादित घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें छात्रों के साथ हिंसा और अश्लील वीडियो वायरल होने की घटनाएं शामिल हैं।
घटना की जानकारी मां को नहीं
उत्कर्ष तिवारी के परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटी बहन और भाई हैं। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे उत्कर्ष ने वीडियो कॉल के माध्यम से बहन से बातचीत की थी। बातचीत के दौरान उसने बताया कि सब कुछ ठीक चल रहा है और दीपावली की छुट्टियों में घर आएगा। कॉल के दौरान छोटे भाई को देर तक सोने पर उसने हल्की-फुल्की डांट भी लगाई थी।
पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। वे उत्कर्ष का अंतिम संस्कार जौनपुर (उत्तर प्रदेश) में करेंगे। घटना से पिता का जहां रो-रोकर बुरा हाल है, तो वहीं मां को भी इस घटना की जानकारी नहीं दी गई है।
पुलिस को नहीं मिला मोबाइल
परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि घटना के 24 घंटे बाद भी उत्कर्ष का मोबाइल फोन नहीं मिला है, जबकि पुलिस का कहना है कि उसकी लोकेशन हॉस्टल में ही ट्रेस हो रही है।
खमरिया थाना प्रभारी सरोजिनी चौकसे ने बताया कि परिजनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और उनकी शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। पुलिस ने मर्ग कायम कर हॉस्टल में रहने वाले छात्रों और कॉलेज प्रबंधन से पूछताछ शुरू कर दी है।