
ग्रामीणों ने बताया कि अचानक से नाला का जलस्तर बड़ा और पुल के ऊपर पानी आ गया। बारिश में हालात यह होते हैं सुबह गांव से निकला व्यक्ति शाम को घर लौटता है तो नाले के ऊपर से पानी बह रहा होता है।
दमोह जिले के जबेरा तहसील के विजय सागर गांव में गुरुवार शाम स्कूली छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर उफनते नाले को पार कर घर पहुंचे। यह जंगली नाला दोपहर में हुई बारिश के बाद उफान पर आ गया था, जिससे नाले का पुल डूब गया। स्थानीय लोगों और छात्र ने तीन फीट पानी में गुजरते हुए पुल पार किया। जिसका विडियो बनाकर प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत भी कराया। जानकारी के अनुसार यह जंगली एक नाला है, जिस पर बने पुल की ऊंचाई बहुत कम है। गांव में भले ही बारिश न हो, लेकिन जंगल में बारिश हो जाए तो भी पुल डूब जाता है। सुबह स्कूल गए बच्चों को शाम को लौटते वक्त नाला उफान पर मिला। क्योंकि, गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने बाला केवल एक ही रास्ता है, जिस पर पड़ने वाला जंगली नाले का पुल कब डूब जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। सुबह दस बजे गांव के छात्र स्कूल गए थे तो पुल के नीचे से पानी बह रहा था, लेकिन शाम को स्कूल की छुट्टी के बाद घर वापस आ रहे थे तो पुल के तीन फीट ऊपर पानी बह रहा था। ऐसे में स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर पुल को पार किया। सरपंच राहुल यादव, नरेंद्र सिंह ठाकुर हरिराम यादव ने बताया कि अचानक से नाला का जलस्तर बड़ा और पुल के ऊपर पानी आ गया। बच्चों के घुटनों तक नाला का पानी चल रहा था। बारिश में हालात यह होते हैं कि सुबह गांव से निकला व्यक्ति शाम को घर लौटता है तो नाले के पुल के ऊपर से पानी बहता मिलता है। लंबे समय से ग्रामीण पुल की ऊंचाई बढ़ाने की मांग प्रशासन से कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। जिसके चलते स्कूली छात्रों के साथ-साथ गांव वाले भी जान जोखिम में डाल इस पुल को पार करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।