
बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि परसोरिया में संचालित मौलाना आजाद स्कूल के नाम पर अवैध रूप से मदरसा चलाया जा रहा है। स्कूल में मस्जिद के साथ इबादत खाना और वजु स्थल भी मिला है। निरीक्षण के दौरान कई कमियां मिली हैं। सागर जिले के परसोरिया स्थित मौलाना आजाद स्कूल में मप्र बाल संरक्षण आयोग की टीम ने निरीक्षण किया, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई हैं। यह स्कूल केवल आठवीं कक्षा तक मान्यता प्राप्त है, लेकिन यहां 9वीं और 10वीं कक्षा के बच्चे भी मिले। इसके अलावा यहां बिना अनुमति के एक मदरसा भी संचालित किया जा रहा था, जिसमें 350 बच्चे पढ़ रहे थे, जो संभवतः मप्र का सबसे बड़ा मदरसा हो सकता है। निरीक्षण के दौरान, आयोग की टीम के साथ शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। जांच में पाया गया कि स्कूल परिसर में एक इबादत घर और वजू स्थल भी बनाया गया है। बच्चों ने रोते हुए बताया कि उन्हें सुबह 4:30 बजे जबरन उठाकर मदरसे में पढ़ाया जाता है।
अवैध रूप से मदरसा चलाया जा रहा
बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि परसोरिया में संचालित मौलाना आजाद स्कूल के नाम पर अवैध रूप से मदरसा चलाया जा रहा है। स्कूल के पास मरदसे की कोई मान्यता नहीं है। स्कूल में स्थानीय बच्चों के जगह अन्य स्थानों के बच्चे भी मिले हैं। स्कूल में मस्जिद के साथ इबादत खाना और वजु स्थल भी मिला है। इसके अलावा, कई बच्चों के माता-पिता नहीं हैं, लेकिन उन्हें प्रदेश सरकार की बाल आशीर्वाद योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। कुछ बच्चे ऐसे भी पाए गए जिनके माता या पिता नहीं हैं। इन सभी बच्चों की जानकारी एकत्रित की गई है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यह भी पता चला कि यह भी पाया गया कि स्कूल में आवासीय सुविधा भी अवैध रूप से प्रदान की जा रही है, जबकि इसकी कोई मान्यता नहीं है।
पहले शुक्रवार को होती थी छुट्टी
ओंकार सिंह ने कहा कि स्कूल की छुट्टी पहले शुक्रवार को होती थी, लेकिन एक महीने पहले इसे रविवार को कर दिया गया है। आयोग द्वारा इस सभी अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। निरीक्षण के दौरान डीपीसी गिरीश मिश्रा, महिला बाल विकास विभाग के दो परियोजना अधिकारी और पुलिस की टीम भी मौजूद थी।