
टीकमगढ़ जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। वकीलों की मांग है कि देहात पुलिस थाने में तीन वकीलों के खिलाफ झूठा मारपीट, एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। टीकमगढ़ में वकीलों पर मामला दर्ज होने के विरोध में साथी वकील हड़ताल पर चले गए। इसको लेकर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने बताया कि टीकमगढ़ देहात पुलिस थाने में 10 अगस्त को एक महिला के साथ मारपीट के मामले में टीकमगढ़ जिला न्यायालय के तीन अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट और एससी-एसटी का मामला दर्ज किया गया है, जो गलत है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ को भी आवेदन दिया गया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते सोमवार से टीकमगढ़ जिला न्यायालय के सभी वकील हड़ताल पर चले गए हैं।
क्या था मामला?
टीकमगढ़ जिला न्यायालय में 9 अगस्त को छतरपुर जिले के घुवारा की रहने वाली एक दलित महिला तलाक के मामले में पेशी पर आई थी, जहां पर उसकी पति द्वारा दबाव बनाया गया था। इसके बाद पति और तीन वकीलों ने उस महिला उसके पिता और मां के साथ मारपीट कर दी थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था। इसके बाद पुलिस थाने में आवेदन दिया था, जिस पर उसके पति सहित तीन वकीलों पर मारपीट और एससी एसटी का मामला दर्ज किया गया था।
देहात थाना प्रभारी को हटाने और एफआईआर में खात्मा लगाने की मांग
टीकमगढ़ जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने बताया कि समस्त वकील हड़ताल पर हैं और अनशन पर बैठे हुए हैं। जब तक देहात थाने के प्रभारी रवि गुप्ता को प्रभारी पद से नहीं हटाया जाता और वकीलों के खिलाफ की गई एफआईआर में खात्मा नहीं लगाया जाता है तब तक जिला न्यायालय के सभी अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे।