
दमोह जिले के हटा विकासखंड के गेसाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत एक झोला छाप डाक्टर के इलाज से 16 वर्षीय किशोर के चेहरे पर
फोले आ गए और तेज जलन होने पर परिजन गुरुवार शाम इलाज के लिए अस्पताल लेकर आए जहां डाक्टरों के द्वारा इलाज शुरू किया गया।
जिले में पिछले पांच माह से लगातार झोलाछाप डॉक्टरों पर राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम कार्यवाई कर रही है। इन डाक्टरों की अस्पताल को सील किया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी कुछ झोला छाप डाक्टर लोगों का इलाज कर रहे हैं। इसमें उन लोगों की गलती भी मानी जायेगी जो इलाज कराने पहुंचते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
इसी तरह का मामला गैसाबाद क्षेत्र से आया है। जहां मेडिकल की आड़ में एक झोलाछाप बंगाली डाक्टर ग्रामीणों का इलाज कर रहा है। मोहरी गांव निवासी 16 वर्षीय दुर्गेश अहिरवार को बुखार आने पर परिजन डाक्टर के पास ले गए।
बंगाली डाक्टर ने गुरुवार सुबह मरीज को दवा खाने के लिए दे दी।
इलाज के बाद जैसे ही बच्चे ने दवा खाई तो कुछ देर बाद उसके मुंह पर फोले आ गए और तेज जलन होने लगी। परिजन तत्काल इलाज के सिविल अस्पताल हटा लेकर पहुंचे।मरीज के बड़े भाई विजय अहिरवार ने बताया कि गैसाबाद में बंगाली डाक्टर के यहां इलाज कराने के बाद छोटे भाई के चेहरे पर फोले आ गए हैं जिसका इलाज सिविल अस्पताल हटा में किया जा रहा है।
इस संबंध में ड्यूटी डाक्टर अनंत कुमार ने बताया कि दवा का इन्फेक्शन हो जाने से चेहरे एवं शरीर में सूजन और फोले आ गए हैं। मरीज का इलाज चल रहा है।फिलहाल स्थिति सही है। सीएमएचओ डॉ मुकेश जैन ने कहा की बिना डिग्री वाले झोला छाप डाक्टरों पर कार्यवाई की जायेगी।