
सागर जिले के निवासी मुकेश आदिवासी की बीती रात सर्पदंश के कारण मौत हो गई। वह अपने घर की छत पर सो रहा था, जब सर्प ने उसे काट लिया। गंभीर स्थिति में परिजन उसे झाड़-फूंक के लिए टीकमगढ़ जिले के बगाज माता मंदिर ले गए। जब उसकी हालत बिगड़ गई, तो उसे शुक्रवार सुबह टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने बताया कि मुकेश आदिवासी बरेठा, जिला सागर का निवासी था। रात को सर्प के काटने के बाद उसे तत्काल निजी वाहन से बगाज माता मंदिर ले जाया गया, जहां यह विश्वास किया जाता है कि झाड़-फूंक से व्यक्ति ठीक हो जाता है। लेकिन मुकेश की हालत बिगड़ती चली गई, जिसके बाद उसे सुबह करीब 9 बजे टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय लाया गया।
डॉक्टर पवन अहिरवार ने बताया कि यदि मुकेश को समय पर चिकित्सकीय उपचार मिल जाता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने कहा कि अंधविश्वास के कारण लोग अभी भी झाड़-फूंक या तंत्र-मंत्र पर भरोसा करते हैं, जबकि सर्पदंश जैसी आपात स्थितियों में तुरंत मेडिकल उपचार लेना चाहिए। डॉक्टर ने लोगों से अपील की है कि ऐसी घटनाओं में त्वरित चिकित्सा सहायता प्राप्त करनी चाहिए। मृतक का पोस्टमार्टम टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय में किया जाएगा।