
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में इन दिनों मानसून की दूसरी लहर से जोरदार बारिश हो रही है, जिससे पूरा क्षेत्र तरबतर हो गया है। 122 में से 86 दिन बीत चुके हैं, और इस सीजन का 85% बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। बीते दो दिनों से निमाड़ अंचल में हो रही लगातार बारिश के बाद, यहां के सभी जलस्रोत लबालब हो गए हैं, जिनमें सालभर तक के लिए पर्याप्त पानी संग्रहित हो गया है। इस वजह से निमाड़ के खंडवा जिले के इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, सुक्ता और नागचून जैसे जलस्रोतों के गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को डिस्चार्ज किया जा रहा है।
इस दौरान खंडवा जिले की दोनों बिजली परियोजनाएं पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन कर रही हैं। इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर डैम के गेट खोले जाने के साथ ही पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है, और जिले की थर्मल बिजली परियोजनाओं का उत्पादन फिलहाल रोक दिया गया है, ताकि कम लागत में अधिक बिजली बनाई जा सके। इंदिरा सागर परियोजना से पानी छोड़े जाने के बाद, ओंकारेश्वर परियोजना के भी 11 गेट खोल दिए गए हैं, जिनसे कुल 4860 क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। इस पानी को गुजरात की ओर भेजा जा रहा है। नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण आसपास के इलाकों में पुलिस और प्रशासन ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी। क्षेत्र के घाटों पर दुकानें चलाने वालों और नाविकों को सतर्क कर दिया गया है, और नर्मदा स्नान पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि कोई अनहोनी न हो।
इंदिरा सागर डैम में रविवार शाम तक 6 गेट खोले गए थे, और रात 8 बजे तक कुल 12 गेटों को खोलकर 4352 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। इस पानी का बहाव नर्मदानगर तक पहुंचने की संभावना है। तवा डैम से भी तेजी से पानी आ रहा है, जिससे नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर परियोजनाओं से बिजली उत्पादन पूरी मात्रा में किया जा रहा है। तवा डैम के 7 गेट भी 6-6 फीट पर खोले गए हैं, जिससे 71700 क्यूसेक पानी तवा नदी में छोड़ा जा रहा है। इस वर्ष की बारिश ने खंडवा जिले में जलस्तर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, जिससे आने वाले समय में जिले की जल आपूर्ति और बिजली उत्पादन में बड़ी वृद्धि की संभावना है।
इस साल खंडवा जिले में हुई बारिश के आंकड़े पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर हैं। शहर और ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है। हालांकि सावन के बाद आई इस बारिश ने लोगों को खुश किया है, लेकिन शहरी इलाकों में यह बारिश किसी आफत से कम नहीं रही। जिले की औसत बारिश 808 मिमी है, और अब तक 680.6 मिमी बारिश हो चुकी है। पिछले साल इसी समय तक सिर्फ 417.2 मिमी बारिश हुई थी, जिससे इस बार 263.4 मिमी अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सौरव गुप्ता के अनुसार, अब बारिश की स्थिति कमजोर पड़ने की संभावना है।