
दमोह के एक पार्लर में श्री कृष्ण की मूर्तियों का ही शृंगार होता है। यहां शृंगार सामग्री का खर्च लिया जाता है। शृंगार का कोई पैसा नहीं लिया जाता। वृंदावन से यह हुनर सीखकर अब दमोह में कृष्ण सेवा की जा रही है।
दमोह में एक अनोखा पार्लर है, जहां केवल भगवान की मूर्तियों का श्रृंगार किया जाता है, और वह भी निशुल्क। यह पार्लर ‘श्री राधा रानी श्रृंगार केंद्र’ के नाम से प्रसिद्ध है, जहां लोग अपने लड्डू गोपाल, श्रीकृष्ण और अन्य देवताओं की प्रतिमाओं को सजाने के लिए लाते हैं। इस सेवा के लिए केवल श्रृंगार सामग्री का खर्च लिया जाता है। पार्लर की संचालिका रजनी साहू ने यह कला वृंदावन में सीखी है और इसे अपने गृह नगर में निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में प्रस्तुत कर रही हैं।
पार्लर की विशेषता:
रजनी साहू ने बताया कि वह बचपन से ही अपने परिवार के साथ वृंदावन जाती रही हैं, जहां भगवान का मनमोहक श्रृंगार देखकर उनके मन में इसे सीखने और दमोह में भी इसे शुरू करने का विचार आया। उन्होंने 2016 में अपने घर पर इस सेवा की शुरुआत की। अब लोग अपनी भगवान की मूर्तियों को उनके यहां लाकर सजवाते हैं। कुछ विशेष श्रृंगार के लिए एक दिन का समय लगता है। उन्होंने यह भी बताया कि श्रृंगार के लिए केवल सामग्री का खर्च लिया जाता है और अन्य कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
श्रृंगार के प्रकार
राधा रानी श्रृंगार केंद्र में केस सज्जा, आंखों की सज्जा, काला श्रृंगार, नेल पॉलिश, ज्वेलरी, मुकुट सज्जा सहित अन्य प्रकार के श्रृंगार किए जाते हैं। इसके अलावा भागवत कथा में बनने वाले श्री राधा-कृष्ण, रुक्मिणी और सुदामा की झांकियों को भी सजाने के लिए लोग उनके पास आते हैं। जबलपुर नाका क्षेत्र की निवासी भावना असाटी भी भगवान की मनमोहक पोशाकें तैयार करती हैं, जिनमें छोटे लड्डू गोपाल से लेकर मंदिरों में विराजमान भगवान की मूर्तियों की पोशाकें शामिल हैं।