
सीएमएचओ डॉ मुकेश जैन ने बताया जिला अस्पताल में क्षमता से ज्यादा से मरीज हैं। इस वजह से सभी वार्ड फुल हो गए हैं। अलग से डेंगू मरीजों को भर्ती कराने की व्यवस्था नहीं बन पा रही है। जहां भी जलभराव है, पानी निकासी कराई जाएगी।
दमोह जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन इस बार मलेरिया विभाग की सक्रियता नदारद दिख रही है। जिला अस्पताल के एक सपोर्टिंग स्टाफ कर्मचारी की डेंगू से जबलपुर में मौत हो चुकी है, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिला अस्पताल में डेंगू पीड़ित मरीज इलाज कराने आ रहे हैं। जुलाई माह में मलेरिया विभाग के रिकॉर्ड में केवल एक केस दर्ज था, जबकि अगस्त में यह संख्या 35 तक पहुंच गई है। पिछले दस दिनों में ही नौ नए केस सामने आए हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। प्रतिदिन 10 से 15 मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच की जा रही है। कुछ संदिग्ध मरीज भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आना बाकी है। चिंताजनक यह है कि डेंगू पॉजिटिव मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ ही एक ही वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। उन्हें न तो मच्छरदानी लगाई जा रही है और न ही उनके लिए वार्ड अलग बनाया है। 12 से 22 अगस्त तक नौ मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें चार से लेकर 45 साल तक के मरीज शामिल हैं। अधिकांश मरीज दमोह शहरी क्षेत्र से आ रहे हैं।
अस्पताल के कर्मचारी की मौत
जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में सपोर्टिंग स्टाफ के रूप में कार्यरत 27 वर्षीय राहुल अहिरवार की डेंगू और मस्तिष्क ज्वर से संक्रमित होने के कारण सोमवार को जबलपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। दो दिन पहले उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए दोस्तों ने सोशल मीडिया पर मदद के लिए मुहिम चलाई थी, जिसमें कुछ राशि भी इकट्ठा की गई थी। सोमवार सुबह उनका निधन हो गया। चार दिन पहले उनकी अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें जबलपुर रेफर कर दिया गया था। जबलपुर में जांच के दौरान डेंगू और मस्तिष्क ज्वर की पुष्टि हुई थी। जिला अस्पताल के पूर्व आरएमओ, डॉक्टर दिवाकर पटेल ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि कोरोना महामारी के दौरान राहुल ने बहुत अच्छा काम किया था। उनकी अचानक मौत की खबर से सभी स्तब्ध हैं। राहुल कुंडलपुर के रहने वाले थे और दमोह में मामा के घर मल्लपुरा में रहकर अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे थे। वह तीन बहनों में इकलौते भाई थे। उनके पिता जगदीश प्रसाद अहिरवार खेती करते हैं।
अस्पताल में ही पनप रहा लार्वा
जिलेभर से मरीज स्वस्थ होने के लिए जिला अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन उसी अस्पताल परिसर में डेंगू के लार्वा पनप रहे हैं। सीएस कार्यालय के ठीक सामने जमा हो रहे बारिश के पानी में मच्छर पनप रहे हैं। सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज आ रहे हैं, जिससे सभी वार्ड भरे हुए हैं। इसी कारण डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जहां भी जलभराव हो रहा है, वहां पानी की निकासी कराई जाएगी।