
सांसद वानखेड़े ने बताया कि यह मार्ग तीतरपानी से मालथौन और उससे आगे के महानगरों को जोड़ता है। वर्तमान में यह मार्ग दुर्घटनाओं का गढ़ बनता जा रहा है। सड़क पर हर किलोमीटर पर 15 से 20 बड़े गड्ढे हो गए हैं।
सागर जिले के अंतर्गत आने वाले तीतरपानी से मालथौन तक के राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-44 की जर्जर स्थिति को लेकर सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजा और दूरभाष पर चर्चा की। इस दौरान गडकरी ने निर्माण कार्य में हुई अनियमितताओं की जांच कराने और मार्ग को जल्द सही कराने की बात कही है।
सांसद वानखेड़े ने बताया कि यह मार्ग तीतरपानी से मालथौन और उससे आगे के महानगरों को जोड़ता है। वर्तमान में यह मार्ग दुर्घटनाओं का गढ़ बनता जा रहा है। प्रतिदिन यहां से करीब 40 से 50 हजार चार पहिया और भारी वाहन गुजरते हैं, जिसके कारण सड़कों पर हर किलोमीटर पर 15 से 20 बड़े गड्ढे बन गए हैं। ये गड्ढे यात्रियों के लिए न केवल असुविधाजनक हैं बल्कि दुर्घटनाओं का भी प्रमुख कारण बन रहे हैं। इस समस्या को लेकर कमिश्नर और कलेक्टर ने भी पत्र लिखे हैं।
सांसद ने यह भी बताया कि इस 140 किलोमीटर के दायरे में तीन टोल नाके बनाए गए हैं, जहां से प्रतिदिन लगभग 80 लाख रुपए टोल टैक्स के रूप में वसूले जा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार की घोषणा है कि जिन हाईवे की स्थिति ठीक नहीं है, उनसे टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। फिर भी यहां टोल टैक्स वसूला जा रहा है।
वर्ष 2023-24 में इस सड़क की मरम्मत का ठेका वाइजर कंपनी को दिया गया था, जिसके लिए 30 करोड़ रुपए की राशि भी दी गई थी, लेकिन कंपनी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य नहीं किया गया, जिसके चलते संबंधित मार्ग कुछ महीनों में ही फिर से जर्जर हो गया है। इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं, और जल्द ही मरम्मत कार्य कराया जाएगा।