
रीवा नगर निगम की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में बेची जा रही मूर्तियों और प्रतिमाओं की दुकानों का निरीक्षण किया। बताया गया कि अधिकांश दुकानों पर मिट्टी से बनी मूर्तियां ही बेची रही हैं। लेकिन कुछ दुकानों में पी.ओ.पी. (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी मूर्तियों की बिक्री भी की जा रही थी। जिन पर कार्रवाई की गई है।
नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवणे ने बताया कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ दुकानदार फुटपाथ पर ही पी.ओ.पी. मूर्तियों की अवैध बिक्री कर रहे थे। जो कि पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। जिन भी दुकानों पर इन मूर्तियों की बिक्री हो रही थी, वहां से मूर्तियां जब्त की गई हैं। पी.ओ.पी. से बनी मूर्तियों का इस्तेमाल ना केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि हमारे जल स्रोतों को भी दूषित करता है। आज की कार्रवाई के दौरान लगभग 60 से अधिक प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां जब्त की गई हैं।
पी.ओ.पी. मूर्तियों के विसर्जन से जल स्रोतों में घुलने वाला प्लास्टर लंबे समय तक पानी में बना रहता है। जिससे जल जीवों के जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रशासन ने इन मूर्तियों की बिक्री और उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाया है।
नगर निगम की टीम और प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक रहें और मिट्टी या अन्य पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों से बनी मूर्तियों को ही स्थापित करें। इससे ना केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण भी बनेगा।