
शनिवार शाम लखनऊ में हुए बिल्डिंग हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। SDRF-NDRF के 100 से अधिक जवानों ने पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला। NDRF के जवान चेन बनाकर अंदर गए। मलबा इतना ज्यादा था कि बगल की बिल्डिंग की दीवार कटर से काटकर रास्ता बनाया गया, तब टीम अंदर घुस पाई।
ड्रोन से सर्चिंग की गई। मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर शवों को बाहर निकाला गया। 27 घायलों को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हादसा ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार शाम हुआ। 3 मंजिला बिल्डिंग (हरमिलाप टावर) भरभराकर गिर गई थी। SDRF की 2 और NDRF की 4 टीमों ने रेस्क्यू किया। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर आसपास की बिल्डिंगों को खाली करा दिया।
शुरुआती जांच के मुताबिक, बिल्डिंग के बेसमेंट में काम चल रहा था। इसी वजह से हादसा हुआ। बिल्डिंग में तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने बताया- पहले एक अंदर का पिलर धंसा और कुछ देर बाद बारिश होने लगी। उसी समय बिल्डिंग गिर गई।

हादसे के दौरान तेज बारिश हो रही थी। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने तुरंत राहत बचाव कार्य शुरू किया।

मलबे में दबा व्यक्ति मौत और जिंदगी की लड़ाई लड़ रहा था, पुलिस ने देखते ही उसे बचा लिया।

मलबे में दबी महिला को बाहर निकाला तो वह बेहोश थी, टीम ने उसे तुरंत प्राथमिक उपचार कर अस्पताल पहुंचाया।
इस बिल्डिंग के मालिक आशियाना में रहने वाले राकेश सिंघल हैं। टावर के ग्राउंड फ्लोर पर आशियाना के ही रहने वाले जसमीत साहनी (45) का मोबिल ऑयल और दूसरी मंजिल पर दवा का गोदाम था। उसके ऊपर मनचंदा का क्रॉकरी का गोदाम था। जसमीत साहनी की हादसे में मौत हो गई।घटनास्थल से ताजा अपडेट बता रहे भास्कर रिपोर्टर अंकित दीक्षित मरने वालों में 8 की पहचान कर ली गई है1- पंकज तिवारी पुत्र सत्य प्रकाश तिवारी उम्र लगभग 40 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)2- धीरज गुप्ता पुत्र महादेव गुप्ता उम्र लगभग 48 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)3- अरूण सोनकर पुत्र संजय सोनकर उम्र लगभग 28 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)4- राजकिशोर पुत्र श्रीकृष्ण उम्र 27 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)5- जसप्रीत सिंह साहनी (अपोलो अस्पताल)6- जगरूप सिंह7- रुद्र यादव8- राकेश लखन पालरेस्क्यू ऑपरेशन जारी, देखिए तस्वीरें
इस बिल्डिंग के मालिक आशियाना में रहने वाले राकेश सिंघल हैं। टावर के ग्राउंड फ्लोर पर आशियाना के ही रहने वाले जसमीत साहनी (45) का मोबिल ऑयल और दूसरी मंजिल पर दवा का गोदाम था। उसके ऊपर मनचंदा का क्रॉकरी का गोदाम था। जसमीत साहनी की हादसे में मौत हो गई।
घटनास्थल से ताजा अपडेट बता रहे भास्कर रिपोर्टर अंकित दीक्षित
मरने वालों में 8 की पहचान कर ली गई है
1- पंकज तिवारी पुत्र सत्य प्रकाश तिवारी उम्र लगभग 40 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)
2- धीरज गुप्ता पुत्र महादेव गुप्ता उम्र लगभग 48 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)
3- अरूण सोनकर पुत्र संजय सोनकर उम्र लगभग 28 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)
4- राजकिशोर पुत्र श्रीकृष्ण उम्र 27 वर्ष (लोक बंधु अस्पताल)
5- जसप्रीत सिंह साहनी (अपोलो अस्पताल)
6- जगरूप सिंह
7- रुद्र यादव
8- राकेश लखन पाल
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, देखिए तस्वीरें
रेस्क्यू ऑपरेशन में मलबे को हटाने में दिक्कत आई। इसके बाद NDRF ने लोहे की कटर से मलबे को काटा।ट्रक ड्राइवर बोला- अचानक पूरी बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई दिल्ली के ट्रक ड्राइवर राजेश पाल ने बताया, करीब 4.55 बजे बिल्डिंग में पहुंचा था। मैंने अपने ट्रक से फार्मास्यूटिकल का सामान उतारने के लिए बिल्डिंग में लगाया। सामान को दूसरी फ्लोर पर ले जाया जा रहा था। करीब 15 से 20 लोग ट्रक से सामान उतार रहे थे।अचानक से पूरी बिल्डिंग भरभरा कर गिर गई। कोई कुछ समझ नहीं पाया। समान उतार रहे कुछ लोगों ने भाग कर जान बचाई। कुछ लोगों को स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से निकल गया। जब बिल्डिंग गिरी तब मैंने भी भाग कर जान बचाई।चेन बनाकर अंदर जा रही एनडीआरएफहादसे की जगह पर जहां ज्यादा लोगों के फंसे होने की संभावना है, वहां एनडीआरएफ अब चेन बनाकर अंदर जाने की तैयारी कर रही है।ड्रोन से की जा रही सर्चिंगघायल बोला- पिलर गिरा फिर पूरी बिल्डिंग गिर गईअतुल ने बताया- मैं और मेरा भाई अलग-अलग बिल्डिंग में काम करते हैं। जो बिल्डिंग गिरी है, उसमें मेरा भाई काम कर रहा था। बिल्डिंग गिरने की जानकारी मिलते ही भाग कर भाई के पास पहुंचा। उसे बचाने में मुझे भी चोट आई। भाई भी घायल हुआ है। पहले पिलर गिरा तो लोग भागने लगे। तभी पूरी बिल्डिंग गिर गई।प्रत्यक्षदर्शी बोला- धूल का गुबार दिख रहा थानसीम ने बताया- मेरी ग्लास की दुकान है। गाड़ियों के लिए शीशे काट रहा था। तभी बहुत तेज आवाज आई। बाहर निकल कर देखा तो धूल का गुबार दिखा। मौके पर जाकर देखा तो हाईवे पर दवाइयां बिखरी पड़ी थीं। अफरा-तफरी मची थी। बिल्डिंग में ज्यादातर मजदूर ही थे। दवा वाले गोदाम में महिलाएं ज्यादा थीं।सांसद आरके चौधरी बोले- लापरवाही की वजह से हादसा हुआ लोकबंधु अस्पताल पहुंचे मोहनलालगंज से सांसद आरके चौधरी ने कहा कि यह हादसा लापरवाही के कारण हुआ है। मृतक के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 1 लाख की सहायता सरकार करे। डीएम को पत्र लिखकर लखनऊ के सभी जर्जर इमारत के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करेंगे।देर रात तक चलता रहा रेस्क्यूअस्पताल में भगदड़ जैसे थे हालतहादसे में जख्मी लोगों की तलाश में उनके परिजन इमरजेंसी पहुंचना शुरू हुए। इससे इमरजेंसी में पैर रखने तक की जगह नहीं बची। पूरे अस्पताल में भारी भीड़ उमड़ी थी। अपनों की तलाश में परिजन दौड़ते-भागते इमरजेंसी पहुंचे। वहां पर अपनों को जीवित देखकर उनके आंखू से आंसू निकल रहे थे।अस्पतालों में खाली कराए गए इमरजेंसी बेडशाम करीब साढ़े पांच बजे हादसे की सूचना सभी अस्पताल प्रभारियों को मिली थी। अस्पताल प्रभारियों ने इमरजेंसी खाली कराए जाने के निर्देश दिए। बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु अस्पताल की इमरजेंसी को खाली करा लिया गया। हालांकि सभी घायलों को लोकबंधु में भेजने का फैसला लिया गया। अस्पताल प्रशासन ने विशेषज्ञों की टीम संग रेजीडेंट डॉक्टरों को अस्पताल बुला लिया।सामान्य मरीजों को एक घंटे तक नहीं मिला इलाजआशियाना के रहने वाले विनोद बाइक से गिरकर उनका पैर मामूली रूप से जख्मी हो गया था। वह इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचे थे मगर अफरातफरी के बीच उन्हें इलाज नहीं मिला। काफी देर इंतजार बाद भी इलाज न मिलने से विनोद निजी अस्पताल चले गए। इस दौरान सामान्य मरीजों को एक घंटे तक यहां पर इलाज नहीं मिल सका।
