
मध्यप्रदेश के मऊगंज में लोकायुक्त ने अपर कलेक्टर को ऑफिस में रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को ये कार्रवाई की। अपर कलेक्टर ने जमीन मामले में फरियादी के पक्ष में फैसला सुनाने के लिए रुपयों की डिमांड की थी। उन्होंने पहले कुछ रुपए ले लिए थे। बाद में बुलाकर कहा कि ये कम है।
दरअसल, मऊगंज कलेक्ट्रेट में पदस्थ अपर कलेक्टर अशोक कुमार औहरी ने रमा निवास तिवारी से जमीन मामले में आदेश पारित कराने के लिए 20 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। इसमें से 10 हजार रुपए पहले ले लिए थे। तिवारी ने अनुरोध किया तो 5 हजार रुपए कम कर दिए। बाकी 5 हजार रुपए देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था, जिसके बाद पीड़ित ने लोकायुक्त में इसकी शिकायत कर दी।
लोकायुक्त की जांच में सही निकला मामला
निरीक्षक जियाउल हक ने बताया कि पीड़ित ने 10 सितंबर को शिकायत की थी। रीवा लोकायुक्त ने मामले का सत्यापन कराया। जांच में ये सही निकला। जिसके बाद गुरुवार को लोकायुक्त की टीम ने कलेक्ट्रेट में अपर कलेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। रमा निवास तिवारी का राजस्व न्यायालय में पारिवारिक जमीन के बंटवारे का केस चल रहा था।
पीड़ित ने कहा- हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मान रहे थे अफसर
फरियादी रमा निवास तिवारी ने बताया जमीन के एक मामले में हाईकोर्ट ने भी हमारे पक्ष में स्टे दिया है। हमने फाइल यहां पेश की। अपर कलेक्टर साहब इसे नहीं मान रहे थे। पहले 10 हजार रुपए मांगे। फिर बुलाकर कहा कि ये कम है। पैसे की डील डायरेक्ट अपर कलेक्टर से ही हुई थी। उन्होंने कहा था तुम्हे मुकदमा लड़ना नहीं आता है। तरीके से लड़ो जीतना चाहते हो तो कुछ पैसे की व्यवस्था करो। वे बोले-10 हजार दो। मैंने वह दे दिए थे।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने अपर कलेक्टर को निलंबित किया
सीएम डॉ. मोहन यादव ने मऊगंज के अपर कलेक्टर निलंबित कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- मध्यप्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत रिश्वत लेने के मामले में अपर कलेक्टर, जिला मऊगंज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। पूर्व में भी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी जा चुकी है कि जमीन नामांतरण, बंटवारा आदि मामलों के निराकरण में गंभीरता बरतें।