
मसीही समाज के प्रमुख डॉ. अजय लाल के फरार होने के मामले में एएसपी ने 45 पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किए हैं। यह पहला अवसर जब इतने अधिक नोटिस आरक्षक से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक को किसी भी मामले में नोटिस जारी किए गए हों और उन्हें जवाब देने के लिए कहा गया हो।
आधारशिला संस्थान और मसीही समाज के प्रमुख डॉ. अजय लाल के उनके आवास से पुलिस की मौजूदगी में फरार होने के मामले में एएसपी ने 45 पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किए हैं।
बता दें दो माह पूर्व डॉक्टर लाल पर देहात थाने में मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस की मौजूदगी में उन्हें नजरबंद किया गया था और रात में जब गिरफ्तारी के लिए पुलिस पहुंची थी। तब पुलिस की घेराबंदी के बाद भी वह अचानक आवास से गायब हो गए थे। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी भी मौके पर पहुंचे थे। हालाकि बाद में इस मामले में हाईकोर्ट ने अजय लाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
इस मामले को एसपी सोमवंशी द्वारा गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए एएसपी संदीप मिश्रा को नियुक्त किया था। एएसपी द्वारा समस्त बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए करीब 45 पुलिसकर्मी जिसमें 40 आरक्षकों से लेकर राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं सभी नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
अलग-अलग बिंदुओं पर मांगा जवाब
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले में एएसपी द्वारा जारी किए गए नोटिस में अलग-अलग उपस्थिति व अलग अलग आरोपी के साथ जवाब मांगा गया है। जहां इसमें एसडीओपी एवं सीएसपी से समूचे घटनाक्रम के संबंध में जवाब मांगा है। दमोह कोतवाली टीआई और दमोह देहात थाना टीआई से उनकी उपस्थिति में उन्हें जिस तरीके से डॉ. लाल की निगरानी करने और उन्हें किसी भी हालत में कहीं नहीं जाने देने के लिए तैनात किया था, लेकिन उनकी लापरवाही से डॉ. लाल पुलिस की उपस्थिति में ही अपने आवास से गायब हो गए थे।
इन सभी बिंदुओं पर उनसे जवाब तलब किया गया है। इसके अलावा आरक्षक से लेकर उप निरीक्षक स्तर तक के जिन अधिकारी, कर्मचारियों को इस समूचे मामले में तैनात किया गया था। उनसे भी अलग-अलग विषयों पर जवाब मांगा गया है। जिससे कि वह इस समूचे घटनाक्रम की जांच एवं इस मामले में दोषी कौन है इसकी पुष्टि कर सकें। यह पहला अवसर जब इतने अधिक नोटिस आरक्षक से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक को किसी भी मामले में नोटिस जारी किए गए हों और उन्हें जवाब देने के लिए कहा गया हो।
एएसपी संदीप मिश्रा ने बताया कि इन सभी अधिकारी-कर्मचारियों को जिनकी ड्यूटी थी। उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। अभी तक किसी ने भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया है।