
शारदीय नवरात्र की शुरूआत 3 अक्टूबर गुरुवार से हो रही है। माता की स्थापना विधि-विधान से की जाएगी। सागर शहर में 150 से अधिक पंडालों में देवी प्रतिमाएं विराजमान की जाएंगी। नवरात्र पर्व को लेकर सागर के मूर्ति कलाकारों ने प्रतिमाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया। कुछ प्रतिमाएं पूरी तरह तैयार हो चुकी हैं। सागर के प्रसिद्ध मूर्तिकार विश्वकर्मा आर्ट ग्रुप ने इस बार 27 दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण किया है। यह प्रतिमाएं सागर समेत मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्थापित होंगी। इसके अलावा हैदराबाद, छत्तीसगढ़ भी प्रतिमाएं भेजी गई हैं। विश्वकर्मा आर्ट ग्रुप के मूर्तिकार अंकित विश्वकर्मा ने बताया कि इस 27 दुर्गा प्रतिमाएं बनाई गई हैं। जिनमें कुछ प्रतिमाओं को विशेष थीम पर तैयार किया गया है।
एक दुर्गा प्रतिमा प्रकृति स्वरूप में बनाई गई है। जिसमें मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु, पृथ्वी, जल, जंगल, जमीन समेत पर्यावरण का वर्णन किया गया है। प्रतिमा को कपड़े भी हरियाली के पहनाए गए हैं। मिट्टी से बनीं इस प्रतिमा को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है। प्रकृति स्वरूप मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना रायसेन में होगी। इसके अलावा अयोध्या के रामलला की थीम पर दुर्गा प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस बार सबसे ऊंची 21 फीट की दुर्गा प्रतिमा बनाई गई है। यह प्रतिमा दमोह में स्थापित की जाएगी।

6 माह से 6 भाई बना रहे प्रतिमाएं
अंकित ने बताया कि उनका परिवार पिछले 10 सालों से प्रतिमाएं बनाने का काम कर रहा है। दुर्गा उत्सव शुरू होने से करीब छह माह पहले माता की प्रतिमाएं बनाने का काम शुरू किया था। इस कार्य में हम सभी छह भाई काम करते हैं। प्रतिमाएं मिट्टी की बनाई जाती है। छिंदवाड़ा भेजी गई प्रतिमा को वन्यजीव संरक्षण थीम पर बनाया गया है। सागर से प्रतिमाओं को उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, हैदराबाद, मध्यप्रदेश के बैतूल, हरदा, खंडवा समेत अन्य जिलों में भेजा जाता है

सागर में 150 पंडाल में विराजेंगी मां दुर्गा
नवरात्र पर्व के चलते सागर शहर में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। 150 से अधिक पंडालों में माता की स्थापना की जाएगी। जिसको लेकर पंडाल तैयार किए जा रहे हैं। सराफा बाजार में जगत जननी दुर्गा उत्सव समिति केरल के मंदिरों की तर्ज पर दुर्गा पंडाल बनाया रही है। यहां 81वें वर्ष में माता की स्थापना धूमधाम से होगी। सराफा वाली काली माता का श्रृंगार सोने और हीरों के आभूषण से किया आएगा। मां दुल्हन के स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगी। इसके अलावा सिंधी कॉलोनी में झूलेलाल धर्मशाला में सिंधु युवा संस्थान व सिंधी समाज तीन दिवसीय झांकी सजा रहा है। जिसमें माता का साचा दरबार, सांईबाबा, भगवान भोलेनाथ की झांकी सजाई जा रही। मां सदर सेठानी मुहाल नंबर 4 सदर बाजार में 48 वर्षों से माता का दरबार सजाया जा रहा है।
