
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शार्मा ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम के दौरान जैन धर्म के सिद्धांतों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भगवान ऋषभदेव से लेकर अजवान महावीर तक सभी जैन तीर्थंकरों ने सदैव अहिंस्रा और दक्षमा का संदिश दिया है। भारत के सभी धर्मों में अहिंसा और क्षमा को विशेष महत्व दिया गया है और जैन धर्म ने इसे नई पहचान दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन धर्म में अहिंसा और क्षमा सूक्ष्म जीवों तक विरसारित है, जो विश्वशांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। जजैन धर्म के पूज्य मुलियों का एक साथ आना राजस्थान की जनता के लिए एक अद्भुत संदेश है। मुख्यमंत्री ने जैन तीर्थंकरों के सत्य, अहिंसा और अपरिजाह के सिद्धांतों पर जोर दिया, जो आज भी पूरी दुनिया में प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि साधु-मुनियों की वाणी ईश्वरीय होती है, और उनके आशीर्वाद से भारत अपनी पहचान चलाए हुए है। श्री शर्मा ने कहा कि 21वी सदी में भारत एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा, और विकसित राजस्थान इस संकल्प की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।

विकसित राजस्थान से विकसित भारत का संकल्प
भगवान महावीर के एकता के संदेश को जैन मुनियों का समर्थन
इस अवसर पर आपार्थ शशांक साजर महाराज ने कहा कि राजस्थान में पहली बार इस तरह का सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जहां एवेतांबर और दिगंबर मुनि एक साथ क्षमावाणी पर्व मना रहे है। यह भगवान महावीर के एकता के संदेश का प्रतीक
है। आचार्य विश्वरान सागर महाराज ने मुख्यमंत्री की इस पहल को सराहनीय बताया और इसे राजस्थान में खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक बताया। मुनि श्री अर्पित स सागर महाराज ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शाकाहारी जीवन पादति की सराहना की। कार्यक्रम में
मुनि पावन सागर महाराज, मुनि तत्वरुधि महाराज, मुनि सम्यक रतन विजय महाराज और साध्ची बूत दर्शना श्री जी ने भी अपने आशीर्वचन दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जैन मुनियों को जैन शारख भेंट किए। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, जन
स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल, सहकारिता राज्यमंत्री जौतम कुमार यक, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेदम, महिला व बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार सांसद मदन राठौड़ सहित कई अन्य व्यक्ति और जैन समाज के प्राद्धजन उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार में पिछले 9 महीनों में विकास की जति को तेज किया है और राजस्थान को विकसित बनाने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि जैन धर्म के आस्था स्थली के विकास के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। रणकपुर जैन मंदिर के सौदवौकरण के साथ-साथ नसियां जी विराटनगर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार “राइजिंग राजस्थान समिट का आयोजन करने जा रही है। उन्होंने उद्योगपतियों से इसमें भाग लेकर राजस्थान के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।