
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की हाल ही में हुई उदयपुर यात्रा के दौरान सिटी पैलेस का दौरा मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में विवाद का कारण बन गया है। महल को लेकर इस समय राजस्थान हाईकोर्ट में कानूनी विवाद चल रहा है।इसके बावजूद राष्ट्रपति ने महल का दौरा किया। इससे पूर्व राजपरिवार के कुछ सदस्यों में नाराजगी पैदा हो गई है।
राजसमंद की सांसद महिमा कुमारी और नाथद्वारा के विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ जो पूर्व राजपरिवार के सदस्य हैं। उन्होंने इस दौरे को लेकर सवाल उठाए है। उनका कहना है कि महल में राष्ट्रपति का दौरा परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और कानूनी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर किया गया। जो राष्ट्रपति पद की गरिमा के विपरीत है। उन्होंने इसे राष्ट्रपति के प्रति अनादर और प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया है।

मेवाड़ राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि महल का स्वामित्व विवाद अभी अदालत में लंबित है और इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाने वालों से स्थिति पर विचार करने की सलाह दी है। इस बीच उदयपुर के कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने साफ किया कि राष्ट्रपति की यात्रा एक व्यक्तिगत दौरा थी और इसमें स्थानीय प्रशासन से किसी औपचारिक सलाह की आवश्यकता नहीं थी।
आपको बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के निमंत्रण पर हुआ था। जिनकी पत्नी निवृति कुमारी ओडिशा के पूर्व राजघराने से हैं। यह दौरा व्यक्तिगत और पारिवारिक जुड़ाव की वजह से हुआ है। क्योंकि राष्ट्रपति मुर्मू और लक्ष्यराज सिंह की पत्नी का पारिवारिक संबंध ओडिशा से है। इस यात्रा ने उदयपुर और ओडिशा के ऐतिहासिक संबंधों को भी चर्चा में ला दिया है।
इस विवाद में तब और मोड़ आया जब विश्वराज सिंह मेवाड़ ने राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचित किया कि महल विरासत संपत्ति है और कानूनी विवादों में उलझा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना उचित बातचीत और अदालत के आदेशों की अवहेलना करते हुए राष्ट्रपति का दौरा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।