
बहराइच में दूसरे दिन भी हिंसा भड़की है. भीड़ ने अस्पताल और वाहनों को नुकसान पहुंचाया है. मृतक राम गोपाल मिश्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सीएम योगी ने एडीजी अमिताभ यश से फोन पर दो दिन से ज्यादा समय से बात की है और बहराइच में हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं. दुर्गा विसर्जन के दौरान सामने आई पूरी घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण है. पूरे इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं ताकि हालात सामान्य हो सकें. और आज एडीजी अमिताभ यश भी मौके पर पहुंच गए हैं. हजारों लोगों ने अस्पतालों में आग लगा दी और कई शोरूम और दुकानें जला दीं. भीड़ को देखकर पुलिस को पीछे हटना पड़ा. आसपास के छह जिलों से फोर्स और पीएससी बुलाई गई है. इस वक्त मौके पर पहुंचे एडीजी अमिताभ यश की तस्वीरें आप देख रहे हैं. वो सुबह से ही वहां मौजूद हैं और अब उन्होंने हालात को काबू में करने की कोशिश की है. बहराइच की आग को धीरे-धीरे बुझाने की कोशिश की जा रही है. हिंसा प्रभावित इलाके में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. लखनऊ से एसटीएफ चीफ और एडीजी कानून व्यवस्था बहराइच पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले आगजनी कर रही भीड़ को रोका और फिर पिस्टल अपने हाथ में ले ली।
जब यह जुलूस निकला तो कम से कम प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि जुलूस का रूट क्या है रूट पर पूरी सुरक्षा है या नहीं, पर्याप्त पुलिस है या नहीं और साथ ही उन लाउडस्पीकरों पर क्या बज रहा है, अगर यह कहे तो संभव है कि सरकार कुछ और कहे लेकिन कम से कम प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि क्या बज रहा है आखिर किसी का अपमान तो नहीं हो रहा है तो यह पूरी जिम्मेदारी सरकार की थी प्रशासन की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी घटना हुई और इस समय बहराइच में क्या स्थिति है
शाम तक बहराइच का क्या अपडेट
पुलिस प्रशासन अभी भी पूरी तरह से लाचार नजर आ रहा है? हां, सबसे ज्यादा प्रभावित जो है वो है सदवाक. ये पहली बार है कि बहराइच के ग्रामीण इलाकों में ये हिंसा फैली है और अब धीरे-धीरे कई गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. इसलिए हम ये नहीं कह सकते कि स्थिति पूरी तरह से काबू में आ गई है. स्थिति अभी भी खराब है और अगर इसमें थोड़ी भी ढिलाई हुई तो स्थिति फिर से काबू से बाहर हो जाएगी. इसलिए फिलहाल स्थिति को काबू में करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन मौके पर हकीकत ये है कि सारे रास्ते बंद किए जा रहे हैं क्योंकि वहां कई ऐसे लोग भी थे जो एक्सिडेंट भी हुए और उनके साथ वहां मारपीट भी की गई. गाड़ियां जला दी गई हैं. ऐसी खबरें आई हैं.
दरअसल, आपको ये रास्ता तब याद होगा जब आप बहराइच से मैसी जाते थे उन इलाकों में जहां भेड़ियों का आतंक था. अगर आप तहसील की तरफ बढ़ेंगे तो एक हाईवे है जो आगे सीतापुर से जुड़ता है.
दरअसल ये सभी हाईवे के आसपास के ग्रामीण इलाके हैं जहां पर इस तरह की घटनाएं हुई हैं और आज लगातार तीसरा दिन है यानी परसों शाम से ही ये दंगा शुरू हुआ है. रात को एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसके बाद कल पूरे दिन ये दंगा चलता रहा. रात को थोड़ा शांत हुआ लेकिन सुबह होते-होते एक बार फिर हिंसा भड़क गई और हिंसा के पीछे दो वजह बताई जा रही हैं. एक तो ये कि जब राम गोपाल का जनाजा पहुंचा तो उसकी लाश देखकर लोग भड़क गए क्योंकि कहा जा रहा है कि उसकी हत्या बहुत ही दर्दनाक तरीके से की गई थी.
दूसरे पक्ष के लोगों ने कुछ दुकानों में आग लगा दी और दूसरे समुदाय के इन लोगों ने उन्हीं दुकानों में आग लगा दी. हम पीड़ित के समुदाय से हैं इसलिए उसके बाद एक बार फिर गुस्सा बढ़ गया और वहां पर भारी संख्या में पीएससी और पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं. एडीजी अमिता यश भी मौके पर हैं और हालात को काबू करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन एक और महत्वपूर्ण जानकारी आपको दे दूं कि थोड़ी नाराजगी इसलिए है क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों को खासकर जिलाधिकारी को पीड़ित परिवार से मिलना चाहिए था
लेकिन खबर है कि वे अभी तक उनसे मिल नहीं पाए हैं। यह भी एक कारण हो सकता है। प्रशासनिक अधिकारी अभी तक पीड़ित परिवार से नहीं मिल पाए हैं और यह जानकारी हमारे संवाददाता मानस शिव मानस दे रहे थे। इस पूरी अपडेट के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।