
बीना में शरद पूर्णिमा की रात को मोतीचूर नदी पर लोगों ने गंगा आरती की तर्ज पर विशेष महाआरती की। साथ ही मां मोतीचूर नदी को चुनरी चढ़ाई गई और भक्तों ने दीप दान भी किया।
आठ साल पहले हुई थी गंगा आरती की शुरुआत
बीना के मोतीचूर नदी पर पिछले 8 साल पहले स्थानीय लोगों की ओर से आरती की शुरुआत हुई थी। जो आगे चलकर मां गंगा की आरती के नाम से जानी जाने लगी। यह क्षेत्र में इस तरह का पहला आयोजन बन गया। मां मोतीचूर नदी जल एवं पर्यावरण संरक्षण समिति की ओर से इसकी जोर-शोर से तैयारियां भी की जाती हैं।
घाट पर रंगीन लाइटों के बीच फव्वारा स्थापित
घाट को आकर्षक बनाने के लिए घाट के आसपास विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की गई थी। इसी के साथ रंगीन लाइटों के बीच फुव्वारों को भी स्थापित किया गया था। गंगा आरती का यह कार्यक्रम हर साल शरद पूर्णिमा की रात को किया जाता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मोतीचूर नदी में चुनरी चढ़ाकर हुई और इसके बाद महामंडलेश्वर महंत राधामोहनदास महाराज ने गंगा आरती की। साथ ही सैकड़ों श्रद्धालु दीपक लेकर पहुंचे थे और सभी ने दीप दान किया। घाट पर आयोजित की गई भजन संध्या में गायकों ने भजनों की प्रस्तुति दी। इस दौरान बड़ी सैकड़ों में भक्त शामिल हुए।
गायकों ने दी भजनों की प्रस्तुति
इस दौरान गायकों की ओर से भजनों की प्रस्तुति भी दी गई। इसके बाद वहां मौजूद भक्तों ने दीपदान भी किया। मां के जयकारों के साथ गंगा आरती की गई। नदी के पास स्थित श्री देव रघुनाथ बड़ा मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने पूजन किया।