
कहते हैं लोग केवल उसे ही पूछते हैं जिसकी प्रतिष्ठा होती है। ऐसा ही कुछ तेजगढ़ में रहने वाली इस बुजुर्ग महिला के साथ हुआ जिसने कभी किसी को नहीं बताया कि उनका भतीजा भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री है, लेकिन जब केंद्रीय मंत्री खुद तेजगढ़ पहुंचे तब लोगों को इस बात की जानकारी लगी। कल तक गुमनाम रहने वाली महिला से रिश्तो जोड़ने वालों की कतार लग गई है।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के तेजगढ़ गांव में रहने वाली तुलसाबाई खटीक रविवार तक गुमनामी की जिंदगी जी रही थी, लेकिन सोमवार को भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र खटीक उनके घर पहुंचे तो इस महिला के साथ आज कई रिश्ते जुड़ गए। दरअसल मंत्री खटीक अपने ननिहाल तेजगढ़ में अपनी गरीब मौसी के घर आए थे। काफी देर रुकने के बाद वह तेजगढ़ से रवाना हो गए थे। इस बात की जानकारी जैसे ही तेजगढ़ सहित आसपास के गांव के लोगों को लगी तो वे मंत्री की मौसी से अपने पुराने संबंध निकालने लगे।
मंगलवार सुबह से महिला के घर लोगों का आना जाना शुरू हो गया किसी ने चाची, किसी ने बुआ तो किसी ने इस महिला को मौसी ही बना दिया। जो महिला रविवार तक गुमनामी में जी रही थी आज उसके साथ कई लोगों के रिश्ते निकल आए। कहते हैं यह तो सब समय का ही खेल होता है और लोग केवल उसे ही पूछते हैं जिसकी प्रतिष्ठा होती है। ऐसा ही कुछ तेजगढ़ में रहने वाली इस बुजुर्ग महिला के साथ हुआ जिसने कभी किसी को नहीं बताया कि उनका भतीजा भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री है, लेकिन जब केंद्रीय मंत्री खुद तेजगढ़ पहुंचे तब लोगों को इस बात की जानकारी लगी।
कच्चे घर में रहती है मौसी
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक उसके घर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी भी आम लोगों की भांति जब गरीब महिला के टूटे फूटे मकान पहुंचे तो उनके पीछे बड़ी मात्रा में पुलिस प्रशासन का काफिला आगे पीछे लगा था। गांव के बुजुर्ग मंत्री को अपना भांजा और ग्रामीण अपना बड़ा भाई बताने लगे।
मौसी के घर पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री को योजनाओं की हकीकत भी पता चल गई। क्योंकि मौसी तुलसाबाई खटीक आज काफ़ी परेशानियों का सामना कर रहीं है। शौचालय और पीएम आवास भी उनके पास नहीं है। जिसके लिए वह पंचायत और तहसील के चक्कर लगा रहीं है। उनका सगा भतीजा केंद्रीय मंत्री है, लेकिन आज तक तुलसाबाई ने यह बात सबसे छुपा कर रखी।
जाते समय केंद्रीय मंत्री ने अपनी मौसी से क्षतिग्रस्त भवन सुधारने के लिए पैसे देने की बात कही तो उन्होंने मना कर दिया और जब मंत्री जाने लगे तो उन्होंने पठोंनी के तौर पर एक थैली में कुछ सामग्री रखकर उनको विदा किया। तुलसाबाई ने केंद्रीय मंत्री से यह जरूर कहा की दमोह में उनका जमीन को लेकर एक केस चल रहा है। वह उन अधिकारी का नाम नहीं जानतीं मंगलवार को वे दमोह पेशी पर जाएंगी।