
कटनी जिले में लगभग 50 पैथोलॉजी लैब संचालित हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग में केवल 26 पंजीकृत हैं। इनमें से 20 को नोटिस जारी किए गए और 8 को बंद किया गया। इससे साफ है कि जिले में अधिकांश पैथोलॉजी लैब सही तरीके से संचालित नहीं हो रही हैं।
मध्यप्रदेश के कटनी जिले में इन दिनों गली-गली में झोलाछाप डॉक्टर और चौराहे-चौराहे पर अवैध पैथोलॉजी लैब चल रही हैं, जिससे बीमारी से जूझ रहे लोगों को न सिर्फ आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि उनकी जान को भी खतरा बना हुआ है। लगातार शिकायतें मिलने के बाद कटनी जिले का स्वास्थ्य विभाग नींद से जागा और जिले भर में संचालित 26 पंजीकृत पैथोलॉजी लैब की जांच की, जिसमें भारी लापरवाही सामने आई। इसके चलते 20 संचालकों को नोटिस जारी किए गए और 8 पैथोलॉजी लैब को बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
कटनी जिले के निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों में संचालित 20 पंजीकृत पैथोलॉजी लैब को नोटिस जारी होने से हड़कंप मच गया है। यह नोटिस स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमएचओ डॉ. आरके अठया ने जारी किया है। नोटिस में सभी संचालित पैथोलॉजी लैब से 100 रुपए के शपथ पत्र पर यह जानकारी मांगी गई है कि लैब का संचालन और निरीक्षण केवल पैथोलॉजिस्ट द्वारा ही किया जा रहा है। उक्त शपथ पत्र में समस्त जानकारी तीन दिन के भीतर स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में जमा करनी होगी। ऐसा न करने पर मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1973 और नियम 1997 (संशोधित 2021) के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
सीएमएचओ डॉ. अठया ने बताया कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने कई नर्सिंग होम और अस्पतालों में छापे मारे। जहां, पैथोलॉजी लैब में पैथोलॉजिस्ट के बजाय लैब टेक्नीशियन या प्रशिक्षित युवक-युवतियां जांच करते हुए पाए गए। पूरी रिपोर्ट पर पैथोलॉजिस्ट के डिजिटल हस्ताक्षर कर रिपोर्ट जारी की जा रही थी, जो गंभीर लापरवाही है। इसी प्रकार की लापरवाहियों के चलते 8 पैथोलॉजी लैब को बंद करने के आदेश दिए गए हैं, जबकि 20 अस्पताल संचालकों को नियमों का पालन करने और शपथ पत्र जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन अस्पतालों में नियमों का पालन नहीं हो रहा है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ. अठया के अनुसार, नए नियमों के तहत अब पैथोलॉजी लैब में केवल पैथोलॉजिस्ट या एमडी पैथोलॉजिस्ट द्वारा ही जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि कटनी जिले में लगभग 50 पैथोलॉजी लैब संचालित हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग में केवल 26 पंजीकृत हैं। इनमें से 20 को नोटिस जारी किए गए और 8 को बंद किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कटनी में अधिकांश पैथोलॉजी लैब सही तरीके से संचालित नहीं हो रही हैं। जब स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम जांच करती है, तो केवल 6 लैब में ही पैथोलॉजिस्ट मिलते हैं, जबकि बाकी जगहों पर लैब टेक्नीशियन, प्रशिक्षित युवक-युवतियां या अन्य लोग मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं। जहां जांचकर्ता ही सही नहीं हैं, वहां की जांच रिपोर्ट की सच्चाई तो केवल भगवान ही जानता है। लोगों की जान से खिलवाड़ का यह खेल वर्षों से चल रहा है, और कटनी स्वास्थ्य विभाग अब तक इस पर आंखें मूंदे बैठा रहा है।