
NASA Ingenuity helicopter mission: नासा के बिल नेल्सन ने कहा कि इस अद्भुत हेलीकॉप्टर ने हमारी कल्पना से भी अधिक ऊंची और दूर तक उड़ान भरी। इस मिशन ने नासा को वह करने में मदद की जो हम सबसे अच्छा कर सकते हैं। उसने असंभव को संभव बनाने का काम किया।
हाइलाइट्स
- नासा के इस मिशन ने रचा है इतिहास
- तीन साल में भरी 72 एतिहासिक उड़ानें
- पंखों में खराबी के बाद नहीं भरेगा उड़ान
वाशिंगटन: नासा ने बताया है कि उसका इनजेनिटी मार्स हेलीकॉप्टर मिशन लैंडिंग के दौरान रोटर ब्लेड के क्षतिग्रस्त होने के बाद समाप्त हो गया है। इसे 30 दिनों में पांच परीक्षण उड़ानें पूरी करने के लिए डिजाइन किया गया था लेकिन मंगल ग्रह पर 72 ऐतिहासिक उड़ानें पूरी करने के बाद नासा का इनजेनिटी हेलीकॉप्टर मिशन समाप्त हुआ है। कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में इमेजरी और डेटा से पता चला है कि इस महीने अपनी अंतिम उड़ान के दौरान उतरते समय हेलिकॉप्टर के कार्बन फाइबर रोटर ब्लेड क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके बाद अंतरिक्ष एजेंसी की टीम ने पाया किया कि हेलीकॉप्टर अब उड़ान भरने में सक्षम नहीं है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक करीब दो किलोग्राम वजनी इनजेनिटी नाम के इस हेलीकॉप्टर के पंख खराब हो गए हैं जिसके कारण वह अब उड़ान नहीं भर पाएगा। ऐसे में वह मंगल पर अब काम बंद कर रहा है। एंजेंसी ने कहा कि अभी हेलीकॉप्टर से संपर्क बना हुआ है लेकिन आधिकारिक तौर पर यह अभियान खत्म हो गया है। नासा ने इनजेनिटी की आखिरी उड़ान की तस्वीरों में उसके ब्लेड्स को पहुंचा नुकसान दिखाया है।
‘2021 में मंगल पर उतरा था’
नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने इस मिशन के बारे में बताते हुए कहा कि कुछ खुशी, कुछ गम के साथ मैं यह बता रहा हूं कि इनजेनिटीने मंगल पर अपनी आखिरी उड़ान भर ली है। हालांकि मुझे लगता था कि ये अभी और ज्यादा कर सकता था लेकिन इसने जो किया, वो भी उम्मीद से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि 2021 में जब इसे मंगल ग्रह पर उतारा गया था तो इसका काम एक परीक्षण उड़ान का था लेकिन लगभग तीन साल तक यह काम करता रहा और इसने कुल 72 उड़ानें भरीं। दो घंटे के अपने कुल उड़ान समय में इसने 18 किलोमीटर की यात्रा की, जो तय लक्ष्य से 14 गुना ज्यादा है।अपनी उड़ानों के दौरान यह छोटा सा हेलीकॉप्टर अधिकतम 24 मीटर की ऊंचाई पर उड़ा और इसने 36 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार भी हासिल की।
मिशन के समापन का ऐलान करते हुए नासा की लॉरी ग्लेज ने कहा, भले हमें पता था कि एक दिन यह अभियान खत्म होना है, फिर भी ऐसा मानना आसान नहीं है। इसने उम्मीदों से कहीं ज्यादा दिया, यह कहना भी काफी नहीं है। नासा के परसिवरेंस नाम के रोवर पर सवार होकर इनजेनिटी 2021 में मंगल पर उतरा था। वहां उसने प्रेजरवेंस के सहयोगी के तौर पर काम किया और इससे यह साबित हुआ कि मंगल के बेहद हल्के वातावरण में भी उड़ान भरी जा सकती है। इस मिशन पर कुल 8.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का खर्च आया था।