
पन्ना-जिले में किसान खाद की किल्लत से परेशान हैं। हालत ये है कि एक बोरी के लिए सुबह से शाम गोदामों के बाहर लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। कम स्टॉक होने से तहसीलदार ने खुद गोदाम पहुंचकर वितरण की व्यवस्था बनाई। उन्होंने दो से तीन बोरी बांटने की बात कही है। डीएपी, एनपीके खाद की मारामारी से किसान फसलों की बुवाई नही कर पा रहे। जिला मुख्यालय के खाद गोदाम में महज 30 टन डीएपी, 40 टन एनपीके खाद का स्टॉक हैं।
दरअसल, रबी की फसल की बुवाई के लिए डीएपी व एनपीके खाद की जरूरत है। प्रशासन ने वितरण के लिए टोकन व्यवस्था शुरू की। इसमें जिला मुख्यालय के गोदाम में तहसीलदार अखिलेश प्रजापति ने सुबह 9 बजे पहुंचकर किसानों को करीब 200 टोकन बांटे।
तहसीलदार ने बताया कि खाद के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे किसानों को समस्या नहीं हो। वर्तमान में स्टॉक कम होने से दो, तीन बोरी प्रति ही दी जा रही है। वहीं, जिले के पवई, रैपुरा और अमानगंज में टीएसपी खाद उपलब्ध है, जबकि डीएपी उपलब्ध नहीं है। देवेंद्रनगर में 60 टन डीएपी है। पन्ना में 30 टन डीएपी, 40 टन एनपीके का भंडारण है, जबकि गुनोर, अजयगढ़ में भंडारण शाम तक आने का अनुमान है।