
दमोह जिले की पथरिया विधानसभा से जनसंघ के पूर्व विधायक स्वर्गीय मणिशंकर सुमन की हत्या के आरोपी 14 साल बाद भी नहीं पकड़े गए। सोमवार को आरोपियों की गिरफ्तार की मांग को लेकर विधायक के परिजन ने एसपी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि 2010 में पिता की हत्या हुई थी, जिसमें तीन आरोपी थे। एक आरोपी सब इंस्पेक्टर त्रिलोक अहिरवाल एसपी ऑफिस में एडिशन एसपी के स्टेनो है।
सात साल पहले जिला कोर्ट ने दोबारा जांच के आदेश दिए थे, लेकिन कोतवाली में फाइल धूल खा रही है। परिजन का आरोप है कि एसआई के दबाव में पुलिस जांच नहीं कर रही। एसपी ने कार्रवाई का भरोसा दिया है।
जनसंघ से विधायक रहे स्वर्गीय मणिशंकर सुमन के बेटे अशोक भारती ने बताया कि साल 2010 में प्रेम शंकर अहिरवार, अहिल्याबाई अहिरवार और उनके बेटे त्रिलोक अहिरवार ने पिता की हत्या की थी। पहले कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया था, लेकिन जब दोबारा सुनवाई के लिए आवेदन दिया, तो कोर्ट ने संदिग्ध मानते हुए दोबारा विवेचना के लिए आदेश दिया था। 7 साल से फाइल कोतवाली में है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही।
दोबारा मामले की विवेचना की जाए
विधायक के बेटे अशोक भारती की मांग है कि मामले की विवेचना शुरू की जाए। त्रिलोक अहिरवार को एसपी कार्यालय से हटाया जाए, ताकि निष्पक्षता से जांच हो सके। एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी का कहना है कि पहली बार मामले की जानकारी सामने आई है। उन्होंने कोतवाली टीआई से फाइल निकलवाने के लिए कहा है। एसपी ने कहा कि फाइल देखने के बाद जरूरत होगी, तो त्रिलोक अहिरवार को हटाया जाएगा। किसी दूसरे अनुविभाग के अधिकारियों से जांच कराई जाएगी।