
जिले में करीब 77 राइस मिलर्स है, जिनमें से 73 मील संचालक शासन से अनुबंध करते हुए कस्टम मिलिंग करते है, जिन्होंने हाल ही में अपने 6 बिंदुओं में अपनी मूल समस्याओं को लिखकर कटनी कलेक्टर, मुख्य सचिव भोपाल सहित खाद्यमंत्री से मुलाकात करते हुए पत्र सौंपा है
एमपी के कटनी में 2 वर्षों से धान मिलिंग की राशि न मिलने से राइस मिलर्स नाराज चल रहे है। उन्होंने मिलिंग से जुड़े भुगतान और अपग्रेडेशन न देने पर इस वर्ष अनुबंध न करने का फैसला लिया है, यानि शासन द्वारा धान तो खरीदी जाएगी, लेकिन उससे बनने वाला चावल अब नहीं बन पाएगा।
इसकी मुख्य वजह उन्हें पिछले 2 वर्षों से किए गए कार्यों का भुगतान न होना बताया जा रहा है दरअसल वर्ष 2022-23 और 2023-24 में जिले के 73 राइस मील संचालकों ने नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंध करते हुए केंद्रों से धान का उठाव करते हुए कस्टम मिलिंग की थी लेकिन उन्हें कार्य पूरा करने के बाद भी भुगतान के नाम पर कुछ ही राशि मिली।
राइस मील संचालक ईश्वर रोहरा ने बताया कि हम राइस मिलर्स को 2 वर्षों का करीब 100 करोड़ यानि 1अरब का भुगतान फंसा हुआ है, जिसमें 2023 का करीब 20 करोड़ तो 2024 का 80 करोड़ बकाया है। ऐसे में हम लोग मील के कर्मचारियों का भुगतान, बिजली का बिल, रख-रखाव सहित बैंक लोन की किस्त कैसे दे।
यही नहीं इस वर्ष के लिए यदि मिलिंग करना है हो अनुबंध राशि का कोई जुगाड़ नहीं है, जबकि सभी मिलर्स कई बार शासन-प्रशासन से मिलकर अपनी समस्या से अवगत करवाया है, लेकिन आज दिनांक तक कोई हल नहीं निकला है, इसलिए हम लोगों ने इस बार मिलिंग न करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि जिले में करीब 77 राइस मिलर्स है, जिनमें से 73 मील संचालक शासन से अनुबंध करते हुए कस्टम मिलिंग करते है, जिन्होंने हाल ही में अपने 6 बिंदुओं में अपनी मूल समस्याओं को लिखकर कटनी कलेक्टर, मुख्य सचिव भोपाल सहित खाद्यमंत्री से मुलाकात करते हुए पत्र सौंपा है।
जिसमें अपग्रेडेशन राशि निर्धारण और भुगतान, मिलिंग राशि भुगतान, धान उठाव में सुखद व्यय, लोडिंग एवं अनलोडिंग की राशि देने सहित अन्य मुद्दे शामिल बताए गए है। वहीं कटनी नागरिक आपूर्ति निगम प्रबंधक एलके शर्मा ने बताया कि हेड ऑफिस ने फंड की कमी के चलते 2 वर्षों से भुगतान नहीं हो पा रहा है। हम लगातार फंड की डिमांड करते हैं। जैसे जैसे पैसा आता है, हम सभी की कुछ न कुछ राशि जारी करते है। हाल ही में 18 करोड़ का भुगतान हुआ है इस बार फिर हमने 12 करोड़ के पेंडिंग बिल लगाकर डिमांड रखी है ताकि राइस मिलर्स को कुछ राहत दी जा सके।
राइस मील एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक आसरानी ने बताया कि इस बार हम सभी राइस मिलर्स अपग्रेडेशन राशि और सभी प्रकार के भुगतान होने के बाद ही कस्टम मिलिंग का कार्य करेंगे। क्योंकि इस बार न तो हमारे पास अनुबंध के लिए कोई राशि है मील संचालन का पैसा, एसोसिएशन द्वारा कई बार पत्राचार किया, लेकिन सिर्फ हमे आश्वासन मिला है। लेकिन इस बार हम आश्वासन पर काम नहीं करेंगे। तो वहीं हम सभी प्रदेश के करीब 800 राइस मिलर्स भोपाल जाकर हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात करते हुए अपनी सभी मांगों को रखेंगे और समस्याओं का हल होने के बाद ही मिलिंग कार्य शुरू करेंगे।