
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सागर के एक हायर सेंकडरी स्कूल के 410 विद्यार्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है। उनके परीक्षा परिणाम घोषित कर प्रत्येक छात्र को पांच-पांच हजार रुपये का मुआवजा देने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) को सागर के ठाकुर उदयभान सिंह मेमोरियल हायर सेकेंडरी स्कूल, बिलहरा के 10वीं और 12वीं कक्षा के 410 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए हैं। एक हफ्ते में परीक्षा परिणाम घोषित करते हुए प्रत्येक छात्र को पांच हजार रुपये का मुआवजा देने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं।
जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि राज्य पदाधिकारियों के निर्देशों के बावजूद माशिमं ने परिणाम जारी नहीं किया। इसे विद्यार्थियों के अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए अदालत ने माशिमं को प्रत्येक छात्र को ₹5000 क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश दिया है। साथ ही, यदि परीक्षा परिणाम रोकने के कारण किसी छात्र का शैक्षणिक सत्र प्रभावित होता है, तो वह माशिमं से मुआवजा मांगने के लिए स्वतंत्र रहेगा।
क्या है मामला
सागर स्थित स्कूल के प्रभारी प्राचार्य रूप किशोर दुबे की ओर से अधिवक्ता दीपक सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि इन विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र शासकीय स्कूल बिलहरिया में था। परीक्षा के दौरान फ्लाइंग स्क्वाड ने निरीक्षण में दो छात्रों को “मुन्नाभाई” के रूप में पकड़ा। इसके बाद स्कूल की जांच में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके चलते स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी गई। माशिमं ने दलील दी कि मान्यता समाप्त होने के कारण परिणाम रोका गया। हालांकि, अदालत ने कहा कि मान्यता निलंबित होने के बावजूद उन छात्रों का कोई दोष नहीं है जिन्होंने परीक्षा दी है। ऐसे में उनका परिणाम रोका जाना अनुचित है। अदालत ने माशिमं को विद्यार्थियों का परिणाम घोषित करने और क्षतिपूर्ति देने के निर्देश देते हुए मामले का निपटारा किया।