
विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 14 दिसंबर को सागर में जिला न्यायालय और सभी तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। नेशनल लोक अदालत में आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, निगोशिएविल इंस्टूमेंट एक्ट के तहत चेक बाउंस, कुटुम्ब न्यायालय, ग्राम न्यायालय, बैंक आदि विभागों के लंबित और बैंक, विद्युत, नगरपालिका आदि के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण कराया जाएगा।
14 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत दर्ज प्रकरणों में छूट दी जाएगी। जिसमें सभी घरेलू, कृषि, 5 किलो वाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट मिलेगी। बिजली कंपनी द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर पर आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत और आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तारीख से 30 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
वहीं लिटिगेशन स्तर पर आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत और आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तारीख से 30 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। पक्षकारों से नेशनल लोक अदालत में उपरोक्त छूटों का लाभ लेते हुए आपसी समझौते से प्रकरणों का निराकरण कराने की अपील की गई है।