
मध्य प्रदेश में 2 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है। जबलपुर में भी किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम शुरू हुआ, लेकिन यह काफी धीमी रफ्तार से हो रहा है। गुरुवार तक धान खरीदी का आंकड़ा शून्य था। शुक्रवार से शहपुरा के काकुल वेयरहाउस और शिव वेयरहाउस जैसे कुछ केंद्रों पर खरीदी शुरू हुई।
जिले में धान खरीदी के लिए 86 केंद्र बनाए गए हैं। किसानों ने इन केंद्रों के लिए स्लॉट बुक किए हैं, लेकिन अब तक खरीदी का काम सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाया है। गुरुवार तक अधिकांश किसान खरीदी केंद्रों पर नहीं पहुंचे थे।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने धान खरीदी के कार्य की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि फिलहाल कुछ केंद्रों पर ही खरीदी चल रही है। सोमवार से सभी केंद्रों पर काम शुरू हो जाएगा और किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
स्व सहायता समूह पर फैसला लंबित
कलेक्टर ने बताया कि स्व सहायता समूहों को काम देने का फैसला राज्य सरकार को करना है। इसका प्रस्ताव भेजने के लिए जिला उपार्जन समिति में बात रखी गई है। फिलहाल की स्थिति में मझौली और पाटन को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों में खरीदी केंद्र और समितियां पर्याप्त हैं। पाटन में पिछले साल 25 केंद्र थे, जबकि इस साल अब तक 17 केंद्र शुरू हो चुके हैं।
धान खरीदी में तेजी लाने के लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जिले में इस साल साढ़े तीन लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 54,000 से ज्यादा किसानों ने पंजीकरण कराया है।
हालांकि, ग्राम बिजोरी स्थित सेवा सहकारी समिति केंद्र को कर्मचारियों की कमी के कारण बंद कर दिया गया है।