
बीना शहर में नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों की अनदेखी के चलते स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं। प्रत्येक वार्ड में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। कहीं-कहीं इन कचरे के ढेरों में आग लगाई जा रही है। सफाई कर्मचारी समय पर कचरा नहीं उठाते, जिससे सड़कों पर गंदगी फैल जाती है।
सब्जी मंडी में बड़े पैमाने पर फैले कचरे में आग
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहरों और गांवों को स्वच्छ बनाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन बीना की नई सब्जी मंडी में गंदगी का अंबार देखने को मिलता है। रोजाना बड़ी मात्रा में यहां कचरा फेंका जाता है। लोगों को बदबू के कारण अपनी नाक पर कपड़ा रखकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में फैले हुए कचरे में आग लगा दी जाती है, जिससे निकलने वाला धुआं और गंध लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है।
दुर्गंध और गंदगी से परेशान लोग, बीमारियों का खतरा
बीना के विभिन्न वार्डों में सफाई व्यवस्था ठप है। नालियों की सफाई न होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। लोग दुर्गंध से परेशान हैं और बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। नगर पालिका में कई बार शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया गया। कीटनाशक दवाओं का छिड़काव तक नहीं कराया गया है।
कचरे में आग लगाने से हो रहे नुकसान
जानकारी के अनुसार, कचरे में 60% से अधिक पॉलीथिन होती है। पॉलीथिन जलाने से पॉली एथलीन नामक गैस निकलती है, जो वायुमंडल में घुलकर सांस के जरिए शरीर में पहुंचती है। इससे खांसी, दमा, और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा, पॉलीथिन में पॉली यूरोथेन और पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC) जैसे हानिकारक रसायन होते हैं, जो जलने पर वायुमंडल को प्रदूषित करते हैं।
सीएमओ का बयान
बीना सीएमओ रामप्रकाश जगनेरिया ने कहा कि नगर पालिका का कोई सफाई कर्मचारी कचरे में आग नहीं लगाता है। बल्कि, आस-पास के दुकानदार और स्थानीय लोग ठंड से बचने के लिए कचरे में आग लगा देते हैं।
