
15 जनवरी से प्रयागराज में शुरू हो रहे कुंभ का निमंत्रण देने योगी सरकार के दो दिग्गज मंत्री मप्र के दौरे पर हैं। शनिवार को उज्जैन में बाबा महाकाल को निमंत्रण देने के बाद यूपी के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और दिनेश प्रताप सिंह भोपाल पहुंचे।
आज सुबह दोनों मंत्री नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बंगले पर पहुंचे और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को प्रयागराज कुंभ में आने का न्योता दिया। नेता प्रतिपक्ष ने भी निमंत्रण सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा- कि हमारे यहां के उत्तम स्वामी जी के साथ कुंभ में जाने की चर्चा पहले ही हो चुकी है। हम अपने साथियों के साथ कुंभ में शामिल होंगे।
योगी के मंत्रियों ने एमपी में नेताओं को दिया कुंभ का न्योता
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के जलशक्ति, बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भोपाल में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल मंगू भाई पटेल, बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा सहित तमाम नेताओं को कुंभ में आने का निमंत्रण दिया।

कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की होगी हेड काउंटिंग
भोपाल के कॉटियार्ड बाय मैरिएट होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी सरकार के दोनों मंत्रियों ने प्रयागराज कुंभ को लेकर की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। यूपी के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने बताया कि कुंभ 2025 में करीब 45 लाख श्रृद्धालुओं के आने की संभावना है। इस आयोजन को देखते हुए कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की हेड काउंटिंग करने की व्यवस्था की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभ क्षेत्र को लेकर एक अलग जिला बनाकर अधिकारियों की तैनाती है।
हेडकाउंट के लिए तीन तरह की व्यवस्था
स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की हेडकाउंटिंग और ट्रेकिंग के लिए तीन प्रकार से निगरानी की व्यवस्था की गई है।
पहली तकनीक- एट्रिब्यूट आधारित खोज- इस तकनीक में एट्रिब्यूट सर्च कैमरों के आधार पर ट्रैकिंग की जाएगी।
दूसरी तकनीक- आरएफआईडी रिस्ट बैंड- इस तकनीक के तहत तीर्थ यात्रियों को रिस्ट बैंड दिए जाएंगे। RFID रीडर रिस्ट बैंड के जरिए अंदर और बाहर जाने के समय हर श्रृद्धालु की रियल टाइम ट्रैकिंग होगी।
तीसरी तकनीक- मोबाइल एप बेस्ड ट्रैकिंग- इस तकनीक के जरिए तीर्थ यात्रियों की सहमति पर मोबाइल एप के जीपीएस लोकेशन के जरिए हर तीर्थ यात्री की लोकेशन ट्रैकिंग होगी।

कुंभ में हॉस्पिटल बने, आईसीयू की भी व्यवस्था
जल शक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि इसे स्वस्थ महाकुंभ के दृष्टिकोण से भी तैयार किया जा रहा है जिसमें आने वाले तीर्थयात्रियों, साधु, संतों, कल्पवासियों और पर्यटकों के स्वास्थ्य देखभाल की भी व्यवस्था है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है। परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल बनाया गया है। 20 बेड के दो और 8 बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं। मेला क्षेत्र और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू, आर्मी हॉस्पिटल की ओर से बनाए गए हैं।
इन अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके दृष्टिगत 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट, 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ और 182 स्टॉफ नर्स की व्यवस्था है। यही नहीं अस्पतालों में पुरुष, महिला और बच्चा वार्ड अलग- अलग तैयार किए गए हैं। डिलीवरी रूम, इमरजेंसी वार्ड और डॉक्टर्स रूम भी रहेंगे।

डिजिटल महाकुंभ का भी अनुभव करेंगे श्रद्धालु मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुंभ के लिए प्रतिबद्ध है। महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप, 11 भाषाओं में एआई चैट बॉट, लोगों एवं वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र, स्वच्छता एवं टेंटों की आईसीटी निगरानी, भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर, बहुभाषीय डिजिटल साइनेज वीएमडी, स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन आधारित निगरानी एवं आपदा प्रबंधन, 530 परियोजनाओं की निगरानी का लाइव सॉफ्टवेयर, इन्वेंटरी ट्रैकिंग सिस्टम और सभी स्थलों का गूगल मैप पर डेटा तैयार किया गया है।
स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था रहेगी
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पर्यटकों को वहां पार्किंग की समस्या से न जूझना पड़े इसकी भी व्यवस्था है। इसके दृष्टिगत 101 स्मार्ट पार्किंग बनाए गए हैं, जिनमें प्रतिदिन पांच लाख वाहन पार्क किए जा सकेंगे। 1867.04 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला पार्किंग स्थल 2019 के 1103.29 हेक्टेयर के सापेक्ष 763.75 हेक्टेयर बड़ा है। इन पार्किंग स्थल की निगरानी इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से की जाएगी।
रिवर फ्रंट सहित 44 घाटों पर पुष्प वर्षा की व्यवस्था
मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, महाकुंभ नगरी में 35 पुराने और 9 नए पक्के घाट बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को स्रान में सहायक होंगे। 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि मुंबई की मरीन ड्राइव की तर्ज पर गंगा किनारे लगभग 15.25 किलोमीटर क्षेत्र में संगम से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप से महावीर पुरी तक रिवर फ्रंट का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर को अपग्रेड किया गया है। इससे भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलेगी। सीसीटीवी कैमरों को देखने के लिए 52 सीटर चार व्यूइंग सेंटर स्थापित किए गए हैं।