
जबलपुर में दो दिसम्बर से शुरू हुई धान खरीदी में अभी तक ग्यारह हजार 249 किसानों से लगभग नौ लाख 90 हजार क्विंटल धान खरीदी की जा चुकी है।
227 करोड़ की राशि के एवज में मात्र नौ करोड़ अस्सी लाख रूपए का ही किसानों को भुगतान हो पाया है। लगभग 218 करोड़ की राशि बकाया है। पेमेंट में हो रही देरी से किसान परेशान हैं।
भुगतान जल्दी हो
भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि गेहूं, चना व मटर की फसल की पैदावार के लिए भी कृषकों को रुपयों की आवश्यकता है। लेकिन बीस दिन हो जाने के बाद भी धान खरीदी की राशि न मिलने के कारण किसानों को काफी दिक्कत हो रही है।
वेयर हॉउस में भंडारण होने पर ही होता है किसानों को भुगतान
धान खरीदी के लिए किसान स्लॉट बुक करने के बाद तय समय पर अपनी धान लेकर खरीदी केंद्र जाता है। उसके बाद वहां मौजूद सर्वेयर एफएक्यू के अनुसार धान की जांच करता है। यदि धान एफएक्यू के मुताबिक है तो उसकी तुलाई होती है और उसके बाद किसान के रजिस्ट्रेशन नंबर पर धान की मात्रा दर्ज की जाती है। किसान को उसकी पावती देकर धान का भंडारण वेयरहाउस में किया जाता है। जिसके बाद किसान को भुगतान किया जाता है।
धान के उठाव में हो रही देरी से बिगड़ रही स्थिति
वेयरहाउस मालिकों और जिला प्रशासन के बीच मची खींचतान के चलते धान खरीदी केंद्रो में धान का उपार्जन, परिवहन व वेयरहाउस में भंडारण की धीमी गति के कारण भुगतान की प्रक्रिया में देरी हो रही है। जिसका खामियाजा किसान भुगत रहें हैं।
किसानों को करनी है अगली फ़सल की तैयारी
अखिल भारतीय किसान संघ के प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल की मानें तों धान के भुगतान में हो रही देरी से अगली फ़सल प्रभावित हो रही है। क्योंकि उनको फसल में खाद, कीटनाशक डालने के लिए रुपयों की जरूरत है, लेकिन समय पर उनको राशि नहीं मिलने से बेहद परेशानी हो रही है।