
छतरपुर जिले के किशनगढ़ में बुधवार रात एक तेंदुए ने 12 साल के बच्चे पर हमला कर दिया। घटना उस समय हुई जब बच्चा अपने दोस्तों के साथ जंगल में खेल रहा था। तभी बच्चों ने तेंदुए को सूअर समझकर पत्थर मारा, जिससे तेंदुआ गुस्से में आ गया और बच्चों पर हमला कर दिया। इसके बाद बच्चे के पिता ने उसे बचाया और इलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार घायल बच्चा कड़ोरी आदिवासी(12) किशनगढ़ का रहने वाला है। बालक किशनगढ़ के ही स्कूल में 6वीं क्लास में पढ़ता है। बच्चे के पिता प्रभु आदिवासी खेती का काम कर परिवार का पालन करते हैं। बुधवार को दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद कड़ोरी खेत पर अपने दोस्त महेंद्र और सूरज के साथ खेलने गया था।
दोपहर करीब 2:30 बजे खेत के पास जंगल में खेलते समय कड़ोरी ने सुअर समझकर झाड़ियों में छिपे तेंदुआ को गुलेल से पत्थर मार दिया। पत्थर लगने से गुस्साए तेंदुए ने दहाड़ कर तीनों बच्चों पर हमला कर दिया। तभी दो बच्चे महेंद्र और सूरज तो खेत पर बनी पत्थर की बाउंड्री फांद कर भाग गए, लेकिन कड़ोरी भागते समय फिसल कर गिर गया।
बच्चे का जांघ पकड़कर 5 फिट ऊपर उछाला
तेंदुए ने कड़ोरी की पैर की जांघ को पकड़कर उसे 5 फिट ऊपर उछाल दिया। फिर सिर और गले में पंजा मारा। वहीं खेत में मौजूद उसके पिता प्रभु ने कड़ोरी के रोने और चिल्लाने की आवाज सुनी। वो हाथ में पत्थर लेकर वहां पहुंचे और तेंदुए को मार कर भगाया।
तेंदुआ बच्चे की जांघ का मांस नोंचकर जंगल की तरफ भाग गया। इसके बाद परिजन घायल कड़ोरी को किशनगढ़ के अस्पताल में इलाज के लिए ले गए। अस्पताल में केवल अस्पताल में एक नर्स मौजूद थी जिसने प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
डेढ़ घंटे बाद पहुंची एम्बुलेंस
रेफर करने के बाद परिजनों ने करीब 3 बजकर 30 मिनट पर एंबुलेंस के लिए फोन लगाया। लेकिन एंबुलेंस डेढ़ घंटे बाद पहुंची। इसके बाद देर रात घायल बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। घायल कड़ोरी का इलाज कर रहे डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि 12 साल के बच्चे को किशनगढ अस्पताल से जिला अस्पताल भेजा गया है। तेंदुए के हमले से बच्चे के गले, सिर और पैर में चोट है, जिसका इलाज जारी है।
