
दमोह में शनिवार सुबह डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया। बदमाशों ने आम चोपरा क्षेत्र में रहने वाली महिला को ठगने की कोशिश की, लेकिन परिवारवालों, पड़ोसी की मदद से पहुंची साइबर सेल टीम ने उन्हें बचा लिया।
नाम नहीं बताने की शर्त पर महिला ने बताया, ‘सुबह करीब 10:00 बजे मुझे व्हाट्सएप कॉल आया। बदमाशों ने कहा कि मेरा मोबाइल नंबर अनैतिक गतिविधियों में शामिल है। मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद वीडियो कॉल आया, जिसमें पुलिस अधिकारी के साथ कई पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक जांच चल रही है, मैं किसी से बात नहीं कर सकती। मुझे कमरे में बंद करने के लिए कहा गया। डर के मारे मैंने खुद को कमरे में बंद कर लिया। मुझसे पैन कार्ड, आधार जैसे डॉक्यूमेंट मांगे गए, जो व्हाट्सएप कर दिए।
इसी दौरान, परिवार के लोगों ने समझ लिया था कि मैं किसी ठगी का शिकार हो रही हूं। उन्होंने पड़ोस में रहने वाले साइबर सेल में पदस्थ राकेश अठ्या को कॉल किया। राकेश अठ्या ने आकर बताया कि मेरे साथ फ्रॉड हो रहा है। बात करने वाले लोग नकली है। इसके बाद मैंने कॉल काट दिया।’
15 दिन पहले लैब टेक्नीशियन को बनाया था शिकार
राकेश अठ्या ने बताया कि पुलिस लोगों को डिजिटल अरेस्ट और सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले फ्रॉड को लेकर जागरुक कर रही है। 15 दिन पहले जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में पदस्थ लैब टेक्नीशियन को भी ठगने की कोशिश की गई थी। उससे दो लाख रुपए मांगे गए थे, लेकिन उसे भी मौके पर पहुंचकर बचा लिया गया था।