
सागर के विजय टॉकीज रोड पर स्थित संजीवनी फिजियोथेरेपी क्लिनिक का स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम ने निरीक्षण किया। जिसमें क्लिनिक में अप्रशिक्षित स्टाफ फिजियोथेरेपी करते हुए मिला। इसके अलावा फिजियोथेरेपी की एक्टिविटी करते समय एक मरीज की हड्डी टूटी थी। अनियमितताओं को देखते हुए टीम ने संजीवनी फिजियोथेरेपी क्लिनिक को अस्थाई रूप से सील कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, संजीवनी फिजियोथेरेपी क्लिनिक विजय टॉकीज रोड की शिकायत जिला दंडाधिकारी के समक्ष जनसुनवाई में की गई थी। शिकायत मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग और मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरे ने क्लिनिक का औचक निरीक्षण किया।
अकुशल स्टाफ फिजियोथेरेपी करता हुआ मिला
निरीक्षण में क्लिनिक पर अकुशल स्टाफ फिजियोथेरेपी करता हुआ मिला। पूर्व में अर्पित सिंह के भाई की फिजियोथेरेपी इसी क्लिनिक के जरिए कारवाई जा रही थी। जिससे उनके भाई की हड्डी टूट गई थी। जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने मरीज की हड्डी टूटने की पुष्टि की थी।
फिजियोथेरेपी संबंधित दस्तावेज नहीं
प्रीति नामदेव जो कि संजीवनी फिजियोथेरेपी क्लिनिक पर सहायक के रूप में कार्य करती हैं। इनके पास कोई भी चिकित्सीय फिजियोथेरेपी संबंधित दस्तावेज नहीं है। घटना दिनांक को वो अकेली ही मरीज की फिजियोथेरेपी व एक्टिविटी करा रही थीं। उस समय डॉ. सीमांत पटेल मौजूद नहीं थे।
जबकि उक्त क्लिनिक का पंजीयन डॉ. सीमांत पटेल को उनके फिजियोथेरेपी दस्तावेज और योग्यता देखकर पंजीकृत किया गया था। जिसमें केवल डॉ. सीमांत पटेल ही फिजियोथेरेपी का कार्य कर सकते हैं। आवश्यकता अनुसार किसी सहायक की सहायता अपनी उपस्थिति में ले सकते हैं।
पंजीयन निरस्त करने भेजा प्रस्ताव
डॉ. सीमांत ने अपनी सहायक को अकेले भेजकर मरीज की फिजियोथेरेपी व एक्टिविटी कराई। मामले को लेकर 11 फरवरी को सीएमएचओ ने पत्र जारी किया था। लेकिन उसका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। जिसके चलते क्लिनिक पर कार्रवाई करते हुए उसे अस्थाई रूप से सील किया गया है। इसके साथ ही संजीवनी फिजियोथेरेपी क्लिनिक का पंजीयन निरस्त करने का प्रस्ताव जारी किया गया है।