
चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हो गया है। जबलपुर के प्रसिद्ध शारदा देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। मंदिर में माता रानी के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
मदनमहल की पहाड़ियों पर स्थित यह मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। नवरात्रि के नौ दिनों तक यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है। इस मंदिर का इतिहास गोंडवाना साम्राज्य से जुड़ा है। सन 1550 में वीरांगना रानी दुर्गावती ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। कहा जाता है कि मां दुर्गा ने स्वप्न में रानी को दर्शन देकर मंदिर निर्माण की प्रेरणा दी थी।
मंदिर में एक खास परंपरा विजय ध्वज की है। यह परंपरा रानी दुर्गावती से शुरू हुई। उन्होंने एक मुगल शासक पर विजय प्राप्त करने और सूखे से राज्य की रक्षा के लिए पहली बार मां को विजय ध्वज अर्पित किया था। तब से आज तक यह परंपरा जारी है। मंदिर के पुजारी के अनुसार, यहां अर्पित ध्वज विजय और मनोकामना पूर्ति का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धालु अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मां के दरबार में आते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नौ दिनों तक होती है विशेष पूजा
शारदा मंदिर से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी है। यही वजह है की नौ दिनों तक श्रद्धालु मां शारदा की विशेष आराधना कर उनको प्रसाद अर्पित करते हैं और साथ ही भजन कीर्तन का भी दौर चलता है। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।