
जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक यात्री बस को रोक कर रांझी थाने पहुंच गए। संगठन के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बस में मंडला के महाराजपुर से लाए आदिवासी लोग मिले है, जिन्हें धर्म परिवर्तन करवाने के लिए चोरी-छिपे यहां लाया गया था।
हिंदूवादी संगठनों के भंवरताल पार्क पहुंचते ही बस का चालक फरार हो गया, जिसे पीछा करते हुए रांझी में पकड़ा गया। यहां पर कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट भी की। पुलिस ने सभी लोगों को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
यात्री बोले- हम लोग अपनी मर्जी से आए
बस में सवार एक युवती ने बताया कि हम लोग तो बस से तीर्थ यात्रा पर आए थे और चर्च जा रहे थे। तभी कुछ अंकलों ने हमें रोका और बाद में पुलिस स्टेशन ले आए। वे कह रहे हैं कि हम लोगों को बहकाया जा रहा है। लेकिन हम अपनी मर्जी से यहां आए हैं। बस का किराया भी हमने ही दिया है। हमने 500-500 रुपए दिए हैं। हमें बस चर्च लेकर जा रही थी। हमने खुद तय किया था कि हम यहां आएंगे।
मामले में विश्व हिंदु परिषद के सदस्य संजय तिवारी ने कहा कि अगर ये लोग क्रिश्चियन हैं, तो आईडी में भी यही दर्ज होना चाहिए। लेकिन आईडी में आदिवासी लिखा है। हमें सुबह 8:30 बजे सूचना मिली, जिसके बाद हमारे कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। वहां दो बसें थीं, जिनमें से एक बस निकल गई।
जबरदस्ती धर्मांतरण की बात नहीं, चर्चों के भ्रमण पर निकले थे लोग
मामले में थाना प्रभारी मानस द्विवेदी ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा इस बस थाने लाया गया था, जिसमें क्रिश्चियन समाज के लोग बैठे थे। उनकी संख्या लगभग 50 थी। वे सभी महाराजपुर, मंडला के निवासी थे और वहीं के चर्च से संबंधित है। ये लोग ईस्टर त्योहार से पहले अलग-अलग चर्चों के भ्रमण और तीर्थ यात्रा के उद्देश्य से रवाना हुए थे। उन्हें भंवरताल गार्डन के पास स्थित चर्च और रांझी स्थित चर्च का भ्रमण कर सदर होते हुए वापस जाना था। इस बीच, संगठनों द्वारा धर्मातरंण संदेह व्यक्त किया गया, जिसके चलते पूछताछ की जा रही है। हम मंडला की टीम से भी संपर्क में हैं। जो भी वैधानिक कार्रवाई आवश्यक होगी, वह की जाएगी।
अब तक किसी भी व्यक्ति द्वारा जबरदस्ती धर्मांतरण की बात नहीं कही गई है।

