
धान खरीदी में हुए घोटाले के बाद जबलपुर प्रशासन ने गेहूं खरीदी की जिम्मेदारी क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) को सौंपने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था के तहत स्व-सहायता समूह की महिलाएं गेहूं खरीदी का कार्य संभालेंगी।
जिला पंचायत के एसीईओ मनोज सिंह के अनुसार, सिहोरा, मंझोली, पनागर और पाटन से कुल 12 प्रस्ताव जिला उपार्जन समिति को भेजे गए हैं। समिति इन प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी देगी।
गेहूं खरीदी 15 मार्च से शुरू होनी थी, लेकिन धान खरीदी घोटाले के कारण अभी तक नोडल एजेंसी का निर्धारण नहीं हो पाया है। जबलपुर जिले में 34 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं। किसानों को गेहूं का भुगतान 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किया जाएगा। इसमें 2425 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य और 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस शामिल है।
इस साल जबलपुर जिले में 41,183 किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इनमें से 1,019 किसान ऐसे हैं जिन्होंने दूसरों की जमीन सिकमी पर लेकर खेती की है। पिछले साल किसानों के कुल पंजीयनों की संख्या 57,562 थी।