
मध्यप्रदेश के जबलपुर में इन दिनों एक ऐसा गैंग सक्रिय है, जो कि शहर के सबसे पॉश इलाके में खाली भूखंडों पर नजर जमाए हुए है। वे पहले खाली भूखंड के मालिक और उनके परिवार वालों की जानकारी लेते हैं और जब उन्हें पता चलता है कि इस जमीन का मालिक अब कोई नहीं है, तो फर्जी दस्तावेज बनाकर संबंधित विभाग से नामांतरण करवा लेते हैं। हाल ही में जबलपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की शिकायत पर ओमती थाना पुलिस ने ऐसे ही गिरोह के चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस ने इस मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के नाम भी सामने आए हैं, पुलिस अब उनकी तलाश में जुटी गई है। गिरफ्त में आया एक आरोपी आधारताल का रहने वाला है, जो करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए मृत दंपत्ति का बेटा बनकर जेडीए ऑफिस पहुंचा था।
दो दिन पहले पहुंचा था जेडीए कार्यालय
विजय नगर में जबलपुर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 5-14 में 5 हजार स्क्वायर फिट का प्लाट है, जिसके स्वामी केपी लटोरिया हैं। कुछ माह पहले उनका स्वर्गवास हो गया है। परिवार में कोई न होने के कारण उस भूखंड पर कोई ध्यान नहीं दे रहा था। करीब 2 करोड़ कीमत के प्लाट का फर्जी दस्तावेज लेकर कयाज उर्फ शुभम ठाकुर गुरुवार को जेडीए ऑफिस पहुंचा और बताया कि वह केपी लटोरिया का पुत्र है, उनकी पत्नी का भी निधन हो गया है, इसलिए विजय नगर में स्थित 5 हजार स्क्वायर फिट के भूखंड का नामांतरण मेरे नाम पर कर दिया जाए। क्योंकि मैं उनका बेटा हूं।
जेडीए सीईओ के सामने कयाज उर्फ शुभम ठाकुर, केपी लटोरिया का बेटा रोहित लटोरिया बनकर पहुंचा और जमीन से जुड़े दस्तावेज दिए। सीईओ ने जब भूखंड के दस्तावेजों की जांच कराई तो वह फर्जी निकले। सीईओ ने अपनी जांच में यह भी पाया कि इससे पहले केपी लटोरिया को कई बार नोटिस जारी कर चुके थे, जवाब नहीं मिलने पर जानकारी लगी कि केपी लटोरिया की कोई संतान नहीं थी।
जल्दबाजी में बोल गया असली नाम
दो करोड़ की जमीन का नामांतरण कराने के लिए शुभम ठाकुर उर्फ रोहित लटोरिया जब जेडीए कार्यालय पहुंचा और सीईओ दीपक वैद्य से मुलाकात की तो उन्होंने सारे दस्तावेज मांगे। पूछताछ में युवक ने बताया कि वह केपी लटोरिया का बेटा है। सीईओ ने शुभम उर्फ रोहित के द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच, उसके द्वारा दिए गए आधार कार्ड और पैन कार्ड भी चेक किए, जो कि संदिग्ध लग रहे थे।
सीईओ ने एक घंटे तक जमीन से जुड़े कागजों की जांच की तो पता चला कि ये पूरे फर्जी है। रोहित लटोरिया बनकर आया युवक का नाम भी गलत है। सीईओ ने जब परिवार से संबंधित कुछ जानकारी युवक से पूछी तो वह घबरा गया और बिना कुछ कहे वहां से जाने लगा, जिसे पकड़कर बैठाया गया।
पिता ने दो शादी की थी-इसलिए दो नाम है
जेडीए सीईओ दीपक वैद्य ने शुभम ठाकुर को अपने केबिन में बैठाकर रखा और फिर ओमती थाना पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में मौके पर पहुंची पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो वह बोला कि उसके पिता ने दो शादी की थी। मां हिंदू थी, जबकि दूसरी महिला जिससे शादी की थी, वह मुस्लिम है। बातचीत के दौरान लगातार अपनी बातों को बदलने वाले शुभम ठाकुर को ओमती पुलिस के हवाले कर दिया गया है। अभी तक पूछताछ में आरोपी ने अपना असली नाम शुभम ठाकुर, उर्फ गोलू, उर्फ कयाज निवासी आधारताल बताया है। गैंग में शामिल अन्य लोगों के विषय में जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि विजय नगर निवासी जितिन राज, मनोज नामदेव और छोटू ठाकुर भी उसके साथ इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है।
ओमती थाना प्रभारी राजपाल सिंह बघेल का कहना है कि शुरुआती पूछताछ में ही यह जानकारी सामने आई है कि जबलपुर में इस तरह का गैंग सक्रिय है, जो कि शहर के सबसे पॉश इलाके में पड़ी खाली जमीन काे सर्च करता था, इसके बाद फिर पड़ोसियों से उस जमीन के मालिक की जानकारी लेते हैं। जब पता चलता था कि इस जमीन का अब कोई मालिक नहीं है, परिवार में जितने भी लोग थे, सभी का देहांत हो चुका है, इसके बाद उस जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे। टीआई के मुताबिक शुभम ठाकुर सहित अन्य के खिलाफ धारा 420,463,467 की पुरानी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्त में आए आरोपी से पूछताछ के लिए कोर्ट से दो दिन की रिमांड ली गई है।